विपक्षी गठबंधन इंडिया के गठन के समय इसमें शामिल राजनीतिक दलों ने सीट समझौते के दौरान ‘बड़ा दिल’ दिखाने संबंधी बड़ी-बड़ी बातें की थीं लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सबने छोटा दिल दिखाते हुए किसी सहयोगी दल के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी। मध्य प्रदेश को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के रिश्तों में खासतौर पर जो खिंचाव सामने आया है वह उत्तर प्रदेश में विपक्ष के लिए चुनावी संभावनाएं धूमिल करेगा। बहरहाल, कांग्रेस का रुख यदि ऐसा ही रहा तो गठबंधन साथियों के बीच अविश्वास की खाई बढ़ती ही चली जायेगी।
हम आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस द्वारा सीट नहीं दिए जाने से व्यथित समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर उन्हें पता होता कि विपक्ष का गठबंधन विधानसभा स्तर के चुनाव के लिए नहीं है तो उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में गठबंधन के लिए बातचीत ही नहीं करती। उन्होंने यह कहा कि अगर सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए तालमेल की बात होगी तो उस पर ही विचार किया जाएगा। यादव ने शाहजहांपुर में पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए लिए जाते वक्त रास्ते में सीतापुर में संवाददाताओं से बातचीत में अपना दुख जाहिर किया। विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने के बावजूद मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा बुधवार को 22 और सीट पर प्रत्याशी घोषित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हाल में मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई थी और सपा के लोगों से बातचीत की थी।
उन्होंने कहा, ”उस बैठक में सपा नेताओं ने मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी के पिछले प्रदर्शन के बारे में बताया था। उस वक्त उन्हें आश्वासन दिया गया था कि गठबंधन के तहत सपा को छह सीट देने पर विचार किया जाएगा लेकिन जब प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए तो समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई।’’ उन्होंने कहा, “अगर यह मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर ‘इंडिया’ का कोई गठबंधन नहीं है तो हमारी पार्टी के लोग उस बैठक में नहीं जाते, न हम सूची देते और न ही कांग्रेस के लोगों का फोन उठाते।” उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “अगर उन्होंने (कांग्रेस वालों ने) यही बात कही है कि गठबंधन नहीं है तो हम स्वीकार करते हैं। जैसा व्यवहार समाजवादी पार्टी के साथ होगा, वैसा ही व्यवहार उन्हें यहां (उत्तर प्रदेश) पर देखने को मिलेगा।” उन्होंने कहा, “प्रदेश स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो नहीं है। हमने इसे स्वीकार कर लिया, इसीलिए हमने पार्टी के टिकट घोषित कर दिए। इसमें हमने क्या गलत किया है?”
सपा अध्यक्ष ने एक सवाल पर किसी का नाम लिए बगैर कहा, “मैं कांग्रेस के बड़े नेताओं से अपील करूंगा कि अपने छोटे नेताओं से इस तरह के बयान न दिलवाएं।” हम आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने 22 और उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए। पार्टी अब तक कुल 31 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर चुकी है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूत लामबंदी जाहिर करने की कोशिश के तहत इंडिया गठबंधन बनाया गया है, जिसमें कांग्रेस के साथ-साथ सपा भी शामिल है लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सपा को एक भी सीट नहीं दिए जाने के बाद दोनों पार्टियों बीच तल्खी जाहिर हो गई है।