विदेश में नौकरी छोड़ बने सहायक अध्यापक ने बदली प्राथमिक विद्यालय की सूरत

संजय यादव/बाराबंकी. कहते हैं कि अगर देश के लिए कुछ करने का जुनून हो तो इस देश की मिट्टी देर-सवेर आपको अपने पास खींच ही लाती है. ये कहानी भी कुछ ऐसी है, जहां विदेश में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में लाखों रुपए की बेहतरीन नौकरी कर रहे संपन्न निगम को देश की माटी ने वापस बुला लिया. संपन्न की कहानी हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है जो अपने मन में इस देश और उसके आम लोगों के लिए कुछ करने का सपना मन में पाले हुए है.

जनपद बाराबंकी निवासी संपन्न निगम बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘ग्लोबल शोर्सेस’ हॉंकॉंग में इंजीनियर की अच्छी नौकरी करते थे. लेकिन देश के लिए कुछ और बेहतर करने का ख्वाब लिए वो भारत लौटे और बीटीसी कर सहायक अध्यापक की नौकरी ज्वाइन की देश के शिक्षा जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई.

शिक्षक सम्पन्न निगम को शिक्षा में आईसीटी का प्रयोग करने और नवीन तरीकों को अपनाकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में शिक्षक के महत्वपूर्ण योगदान के लिए, 5 सितंबर’2017 को शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकैया नायडू जी द्वारा, “स्कूल शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार -2016” से सम्मानित किया गया.

शिक्षक ने सरकारी स्कूल की कायाकल्प ही बदल दी

39 वर्षीय संपन्न निगम बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे. इंटर की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने बी-टेक और एमबीए की डिग्री हांसिल कर, एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘ग्लोबल शोर्सेस’ में नौकरी के लिए हाँगकाँग गए. लेकिन कुछ वक्त के बाद ही भारत लौट आए और बीटीसी करने के बाद यूपी सरकार में सहायक अध्यापक की नौकरी करने लगे.

बाराबंकी जनपद के फतेहपुर ब्लॉक अंतर्गत बिशनपुर प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक संपन्न ने भी परिणाम की चिंता किए बिना सिर्फ अपने कोशिशों पर ध्यान दिया और उन्होंने अपने स्कूल की तस्वीर बदल दी है. साल 2015 में संपन्न निगम ने जब विद्यालय का कार्यभार संभाला तो जर्जर अवस्था में विद्यालय और नाम मात्र के बच्चों को देख इन्होंने इसकी सूरत बदलने की ठानी और विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने को लेकर ग्रामीणों को प्रेरित करने लगे.

सुविधाएं ऐसी की प्राइवेट स्कूल भी फेल

वर्ष 2023 तक गांव का यह सरकारी विद्यालय शहर के तमाम निजी विद्यालयों को पीछे छोड़ता हुआ कुछ इस तरह आधुनिक बना कि आज इस विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है. पढ़ाई को आसान व रुचिकर बनाने के लिए सभी क्लासों में डिजिटल बोर्ड के माध्यम से स्मार्ट क्लास व कम्प्यूटर लैब भी उपलब्ध है. बच्चों के लिए आकर्षक झूले, प्रत्येक क्लासों में आधुनिक फर्नीचर, स्कूल की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, पीने के लिए आरओ वाटर इन सब व्यवस्थाओं का असर ये हुआ है कि गांव के सभी वर्गों के बच्चे एकसाथ एक छत के नीचे पढ़ रहे हैं.

हर कोई कर रहा शिक्षक की तारीफ

वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पांडेय ने बताया कि संपन्न निगम एक आदर्श शिक्षक हैं. अपने प्रयासों से और विभाग की संचालित योजनाओं से उस विद्यालय के प्रवेश को सुंदर और सुगम बनाने में अच्छा काम किया है. विभाग भी उनके कार्यों की सराहना करता है और भविष्य में ऐसे शिक्षकों से प्रेरित होकर अन्य विद्यालय में और शिक्षकों को प्रेरित किया जाएगा.

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