वित्त मंत्रालय का ध्यान सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जीएसटी के दायरे में लाने पर: सीतारमण

सीतारमण ने कहा, ”जीएसटी संग्रह लगातार बढ़ रहा है. जीएसटी ने पहले की तुलना में कई वस्तुओं पर कर दरों को कम कर दिया है. व्यापारियों को पता है कि जीएसटी के तहत उन पर दोहरा कर नहीं लगाया जाएगा, जैसा कि पहले होता था. इसीलिए जीएसटी संग्रह बढ़ रहा है.”

उन्होंने कहा कि कई प्रतिष्ठान अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर रहना पसंद करते हैं और संगठित अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं.

मंत्री ने कहा, ”उन्हें कर के दायरे में क्यों आना चाहिए? इसलिए नहीं कि वे मुझे कर देंगे, बल्कि अर्थव्यवस्था की असली ताकत के लिए… हमें केवल कुछ लोग मिल रहे हैं, सभी नहीं… और अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से संगठित तभी हो सकती है, जब सभी इसमें शामिल हो.”

उन्होंने कहा कि संगठित अर्थव्यवस्था से बाहर रहना न तो देश के लिए अच्छा है और न ही उन व्यक्तियों के लिए.

वित्त मंत्री ने कहा कि अगर व्यापारिक प्रतिष्ठान जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, तो इसका मतलब है कि आप संभावित खरीदारों को खो रहे हैं.

सीतारमण ने आगे कहा, ”अब मैं कर संग्रह पर तो ध्यान देना चाहूंगी, जिसके आंकड़े हर साल और महीने बढ़ रहे है.. लेकिन साथ ही हमारा ध्यान इस बात पर भी होना चाहिए कि अधिक से अधिक प्रतिष्ठान और व्यवसाय इसमें शामिल हों. पारदर्शी कर व्यवस्था से देश को लाभ होना चाहिए, जिसमें सभी का फायदा हो.”

इस समरोह में जीएसटी बिलों को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने वाले पांच लोगों को ड्रॉ के आधार पर 10-10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.

सीतारमण ने इन विजेताओं को बधाई दी और कहा कि हर उपभोक्ता को उनका बिल मिलना चाहिए.

उन्होंने कहा, ”मैं उन लोगों की सराहना करती हूं, जिन्होंने अपना बिल अपलोड किया, लेकिन जो लॉटरी में नहीं जीत पाए.”

कार्यक्रम में गुजरात के वित्त मंत्री कनु देसाई और राज्य जीएसटी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें :

* वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अवैध व्यापार रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का किया आह्वान

* राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खरगे और निर्मला सीतारमण के बीच तीखी बहस

* नए संसद भवन में मंत्रियों को आवंटित हुए कमरे, जानिए कहां कौन बैठेगा?

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *