प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां दूसरी वाराणसी-नयी दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, जो ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली ‘कवच’ से लैस है। उत्तर रेलवे ने यह जानकारी दी।
रेलवे अधिकारियों ने हालांकि कहा कि ट्रेन को टक्कर से बचाने के लिए केवल ‘कवच’ का लोको कंपोनेंट लगाना तब तक प्रभावी नहीं है जब तक कि ट्रेन के पूरे रूट पर पूरी प्रणाली लागू न हो जाए।
उत्तर रेलवे ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘इसमें (वाराणसी-नयी दिल्ली वंदे भारत में) बेहतर डिजाइन, इंटीरियर और गति है जो यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करती है। ट्रेन कवच तकनीक सहित सबसे उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस है।’’
भारतीय रेलवे का कहना है कि अब तक लॉन्च की गई अन्य वंदे भारत ट्रेनों में भी कवच प्रणाली है। कवच उस स्थिति में ट्रेन के इंजन चालक (लोको पायलट) को स्वचालित ब्रेक लगाने में मदद करता है, जब चालक ऐसा करने में विफल रहता है।
इस तरह यह टकराव से बचता है और खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी-नयी दिल्ली रूट पर कवच प्रणाली नहीं लगाई गई है।
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