वाराणसी कमिश्नर की गजल सिंगिंग, 6 मिनट तक गाते रहे: ….चाहत में उन की खुदा को भुला दें; कौशल राज ने लिया पार्टिसिपेशन का सर्टिफिकेट

वाराणसी21 मिनट पहले

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कमिश्नर कौशल राज शर्मा द्वारा गजल गाए जाने के बाद आयोजकों ने उन्हें पार्टिसिपेशन का एक सर्टिफिकेट भी सौंपा। - Dainik Bhaskar

कमिश्नर कौशल राज शर्मा द्वारा गजल गाए जाने के बाद आयोजकों ने उन्हें पार्टिसिपेशन का एक सर्टिफिकेट भी सौंपा।

वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के मंच पर जगजीत सिंह का गजल सुनाया। कौशल राज शर्मा ने गाया कि ‘अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें, हम उनके लिए जिंदगानी लुटा दें’ गाकर पूरे दर्शक दीर्घा को चौंका दिया। गजल गाने के बाद उन्हें आयोजकों ने पार्टिसिपेशन का एक सर्टिफिकेट भी सौंपा।

कमिश्नर की गायकी ने सभागार में बैठे लोगों का दिल जीत लिया। करीब साढ़े 6 मिनट गाने के बाद कमिश्नर जब मंच से उतरे पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कमिश्नर ने कहा कि उनके गाने का मकसद यह था कि आम लोग भी इस संगीत के बड़े महोत्सव में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकते हैं।

गजल गाने के बाद हाथ जोड़कर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते कमिश्नर कौशल राज शर्मा।

गजल गाने के बाद हाथ जोड़कर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते कमिश्नर कौशल राज शर्मा।

पूरा गजल याद कैसे था- दर्शक

मंच पर कमिश्नर कौशल राज शर्मा के साथ तबला, कीबोर्ड और हारमोनियम पर तीन कलाकारों ने संगत की। सुदर्शन फकीर द्वारा रचित जगजीत सिंह की इस गजल को पूरा गाया। लोगों ने कहा कि पूरा गाना याद कैसे है। कार्यक्रम के आयोजक समिति द्वारा कमिश्नर को कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए एक सर्टिफिकेट भी दिया गया। वहीं, कमिश्नर ने बाकी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किया।

24 सितंबर तक चलेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम

वाराणसी में काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन चल रहा है। वाराणसी के कुल 61 स्थानों पर आज एक साथ 21 कल्चरल प्रतियोगिताएं होंगी। वाराणसी के विश्वविद्यालयों और स्कूलों में सिंगिग, वादन और डांसिंग की स्पर्धाएं हो रहीं हैं। इस महोत्सव में एक इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता भी चल रही है। इसके तहत वाराणसी के BHU, काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के युवाओं में अपने हुनर दिखाने का क्रेज देखा जा रहा है। शहर के 20 और गांवों के 41 जगहों पर इसकी शुरुआत 11 दिन पहले हुई है।

51 हजार लोग देंगे प्रस्तुतियां

वाराणसी के DM एस. राजलिंगम ने कहा कि 51 हजार से अधिक लोग इस महोत्सव के लिए रजिस्टर्ड हुए हैं। ये सभी किसी न किसी मंच पर अपने हुनर की प्रस्तुति देंगे। काशी के सांस्कृतिक महत्व को पूरे विश्व में जाना जाता है। काशी की समृद्व सांस्कृतिक परंपरा से लोगों को परिचित कराने, प्रचार प्रसार के साथ ही नई प्रतिभाओं को चिन्हित कर उन्हें मंच प्रदान कराना, इस कार्यक्रम का मेन परपज है। घर-घर से टैलेंट्स खोजकर निकाले जाएंगे। उन्हें दुनिया के सामने लाया जाएगा। वहीं, भारत की सांस्कृतिक विरासत से भी दुनिया को रूबरू कराया जाएगा।

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