चुनाव प्रभारी के बयान के क्या हो सकते हैं मायने
वसुंधरा राजे की ओर से निकाली गई धार्मिक यात्रा को लेकर जहां एक और सियासी हलचल मची हुई है। वहीं राजनीतिक जानकार धार्मिक यात्रा के कई मायने निकाल रहे हैं। इस बीच चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी का वसुंधरा के पक्ष में दिया गया बयान कई सियासी मायने को जन्म दे रहा है।
उन्होंने कहा कि मैंने वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा के बारे में सुना है, जितनी मुझे जानकारी है। वे परिवर्तन यात्रा की सफलता के लिए धार्मिक यात्रा के माध्यम से प्रार्थना कर रही है। जबकि सियासी गलियारों में वसुंधरा की धार्मिक यात्रा को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में वसुंधरा के पक्ष में प्रहलाद जोशी के दिए गए बयान को लेकर एक बार फिर भाजपा में हलचल हो गई है। माना जा रहा है कि प्रहलाद जोशी ने इस बयान के माध्यम से वसुंधरा की नाराजगी को कम करने की कोशिश की है।
क्या थी वसुंधरा की धार्मिक यात्रा
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 2 सितंबर को पहली परिवर्तन यात्रा के एक दिन पहले अपनी एक दिवसीय धार्मिक यात्रा पूरी की। इस यात्रा में उन्होंने राजसमंद में भगवान चारभुजा नाथ मंदिर के दर्शन कर इसकी शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने नाथद्वारा में श्रीनाथजी और बांसवाड़ा में मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन किए।हालांकि इस दौरान वसुंधरा राजे पत्रकारों से सियासी सवालों को लेकर बचती हुई नजर आई। लेकिन वसुंधरा राजे की इस धार्मिक यात्रा को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई हैं। इसके पीछे वसुंधरा राजे की परिवर्तन यात्रा की कमान नहीं सौंपने को लेकर नाराजगी देखी जा रही है।
प्रहलाद जोशी ने कैलाश मेघवाल पर साधा निशाना
राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि बीजेपी में किसी की भी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल को निशाना बनाते हुए कहा कि मेघवाल का पार्टी लाइन से हटकर बोलने का स्वभाव है। लेकिन बीजेपी में उनकी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वे सीनियर नेता है, इसलिए उनसे निवेदन है कि ऐसा नहीं करें। उन्हें पार्टी की ओर से जो नोटिस दिया गया है। उसमें खेद व्यक्त कर उनको रिप्लाई देना चाहिए।