प्रयागराज:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक बार फिर कहा है कि लड़का या लड़की वयस्क होने पर अपने पसंद के व्यक्ति के साथ शादी करने या साथ रहने के लिए स्वतंत्र है और उसके माता पिता समेत कोई भी व्यक्ति साथी चुनने की स्वतंत्रता के उसके अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकता. न्यायमूर्ति सुरेन्द्र सिंह ने एक साथ रह रहे अलग-अलग धर्म के व्यक्तियों द्वारा दायर एक संयुक्त याचिका का मंगलवार को निस्तारण करते हुए निर्देश दिया कि यदि याचिकाकर्ताओं के शांतिपूर्ण जीवन में किसी तरह का खलल डाला जाता है तो वे इस आदेश की प्रति के साथ संबंधित पुलिस अधीक्षक से संपर्क करेंगे जो उन्हें तत्काल सुरक्षा मुहैया कराएंगे.