वजन कम करने के लिए शुरू किया था दौड़ना,अब मैराथन में धावक बनकर जीते कई मेडल

रिपोर्ट-पीयूष शर्मा
मुरादाबाद. सुबह की दौड़ और सैर हमेशा फायदेमंद होती है. अच्छी सेहत के लिए ये बहुत जरूरी है. ये शरीर और दिमाग को तो तरोताजा रखती ही है, आपकी शरीर पर चढ़ी बेकार की चर्बी से भी निजात दिला सकती है. हम आपको ऐसी ही एक शख्सियत के सक्सेस स्टोरी बता रहे हैं जिसने मिसाल कायम कर दी है.

रोजाना सुबह की दौड़ फिट बनाने के साथ पॉजीटिव फील कराती है. इसकी शुरुआत करना इतना भी कठिन नहीं है. लेकिन शुरुआत करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि इसके फायदे मिल सकें. ऐसे ही एक धावक हैं मुरादाबाद के मयंक शर्मा उनकी सक्सेस स्टोरी आपको भी जरूर प्रेरित करेगी. उन्होंने वजन कम करने के लिए दौड़ शुरू की थी और आज वो मैराथन के मैडल विनर हैं.

वजन घटाने का शर्तिया उपाय
जब पूरी दुनिया कोरोना की भयावहता से जूझ रही थी उस दौरान मयंक शर्मा ने खुद को फिट रखने के लिए दौड़ना शुरू किया. उनका वजन ज्यादा था, इसलिए वो उसे कम करना चाहते थे. कोरोना काल में मयंक का वजन 91 किलो हो गया था. दौड़ने से मयंक का इससे वजन तो कम हुआ ही, दौड़ते दौड़ते मैराथन में हिस्सा लेने लगे. आप यकीन नहीं मानेंगे मयंक अब तक कई मैडल जीत चुके हैं.

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अब तक जीते 19 मैडल
मयंक शर्मा हाल ही में जयपुर में आयोजित 42 किलोमीटर मैराथन में शामिल हुए. इसमें उन्होंने 6 घंटे की दौड़ 4 घंटे में पूरी कर दी थी. इसके साथ ही वो 12 बार हाफ 21 किलोमीटर मैराथन. दो फुल मैराथन 42 किलोमीटर और 50 किलोमीटर ट्रेल अल्ट्रा रनिंग रोपड़ में भाग ले चुके हैं. मयंक शर्मा रनिंग ग्रुप रनर्स से भी जुड़े हुए हैं और अब 75 किलोमीटर की अल्ट्रा रनिंग मैराथन की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए वह रोजाना 10 से 15 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं.

Tags: Health, Local18, Moradabad News

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