रिपोर्ट-अभिनव कुमार
दरभंगा. मोती आपकी किस्मत चमका सकता है. हम ज्योतिष शास्त्र की बात नहीं कर रहे. सिर्फ पहनने से ही नहीं इसकी खेती भी आपके दिन फेर सकती है. बिहार में तो अब महिलाएं मोती की खेती करने लगी हैं. सीप की खेती में वक्त और देखभाल तो लगती है लेकिन जब ये मोती देने लगती है तो मालामाल कर देती है
महिलाएं अब किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है. हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. बिहार की महिलाएं भी कहां पीछे रहने वाली है. कृषि से लेकर अन्य सेक्टर में झंडा गाड़ रही हैं. इन्हीं महिलाओं में से एक हैं दरभंगा की वंदना. ये उत्तर बिहार की पहली ऐसी महिला बन गई हैं, जो मोती यानि सीप की खेती कर रही हैं. छोटे स्तर पर शुरुआत के बाद वो एक साल के अंदर ही इसे विस्तार दे चुकी हैं. मोतियों की डिमांड कभी खत्म नहीं होती और कीमत भी अच्छी मिल जाती है.
उत्तर बिहार की पहली महिला
वंदना ने बताया उत्तरी बिहार की वो पहली महिला हैं, जिन्होंने मोती की खेती शुरू की है. इसके लिए उन्होंने ट्रेनिंग ली. वो कहती हैं मोती उत्पादन में लागत अधिक आती है. इसलिए शुरूआत बड़े पैमाने पर ना कर छोटे स्तर पर की. एक जगह सीप में लगाने से लेकर मोती बनने तक में एक लाख खर्च आता है. उन्होंने बताया साल में एक बार ही सीप से मोती मिलता है. घर में जगह कम है तो टैंक में सीप को पाल सकते हैं. सीप को जिंदा रखने के लिए व्यवस्था करनी पड़ती है.
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एक साल में एक सीप से एक मोती
वंदना ने बताया मोती के लिए अलग से डायग्राम आता है. सीप में मोतियों को तैयार करने के लिए ऑपरेशन के जरिए डायग्राम को डाला जाता है. उसके बाद नेट में रखकर सीप को पानी के अंदर लटका दिया जाता है. सीप की समय-समय पर देखभाल करनी पड़ती है. अगर बेहतर तरीके से देखभाल कर ली तो सालभर में आपको एक सीप से दो मोती भी मिल सकते हैं. वंदना का दरभंगा में छोटा सेटअप है, लेकिन जाले प्रखड के अस्तुआ गांव में बड़े पैमाने पर तालाब में सीप को पाले हुए हैं. असली यानि सच्चा मोती बाजार में अच्छी कीमत में मिल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 16:13 IST