लोकसभा चुनाव: BJP दोहराएगी 2019 का गणित या बदलेंगे समीकरण?

लखनऊ. इण्डिया गठबंधन में तो सीटों के लिए लूट मची है, लेकिन एनडीए के सहयोगी दलों ने भी अब अपनी आवाज उठानी शुरु कर दी है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि वे तीन सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. एनडीए में सुभासपा के अलावा अपना दल (सोनेलाल) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी भी हैं. ऐसे में देर-सबेर उनकी इच्छा भी बाहर जरूर ही आएगी. अब भाजपा के सामने इस बात की चुनौती होगी कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा 2019 की तर्ज पर करे या फिर उसे कोई नया प्रयोग करना होगा.

2019 के चुनाव में भाजपा के तीन सहयोगी थे. अपना दल एस, निषाद पार्टी और सुभासपा. पार्टी ने अपना दल एस को दो सीटें, मिर्जापुर और रॉबर्टसगंज दी थी. सुभासपा और निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं मिली थी. निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद को भाजपा ने अपने सिंबल पर संतकबीरनगर से लड़ाया था. सभी तीन सीटों पर जीत मिली थी.

2024 के चुनाव में हालात क्यों बदले-बदले से हैं

2019 में निषाद पार्टी कुछ हफ्ते पहले ही एनडीए में शामिल हुई थी. ऐसे में वो बार्गेनिंग पावर में थी नहीं. चुनाव के समय गठबंधन में होते हुए भी सुभासपा नाराज चल रही थी. तब ये बात सामने आई थी कि ओपी राजभर टिकट को लेकर ही नाराज हैं. भाजपा उन्हें अपने सिंबल पर ही लड़ने को बोल रही थी. यानी उनकी बार्गेनिंग भी कामयाब नहीं हो पाई, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. ओपी राजभर जी-जान से भाजपा के साथ हैं और संजय निषाद भी मजबूत हुए हैं. इसीलिए कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बार सीटों के बटवारे का फार्मूला थोड़ा अलग हो सकता है. अपना दल एस 2019 में दो सीटों पर लड़ चुकी है तो उसे इस बार इससे कम तो मंजूर नहीं होगा.

SBSP, NISHAD और APNA DAL S को कितनी सीटों की है उम्मीद

ओपी राजभर ने तो तीन सीटों की इच्छा जता ही दी है. हालांकि वे इसमें कितना कामयाब हो पाएंगे ये मालूम नहीं. घोसी के उपचुनाव में भाजपा को मिली हार ओपी राजभर के लिए फ्रूटफूल नहीं है. लगातार दावे के बावजूद वे अभी तक योगी सरकार में मंत्री नहीं बन सके हैं. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी ऐसी मंशा जाहिर की जिससे लगता है कि वे भी इस बार भाजपा के नहीं बल्कि अपने सिंबल पर लड़ने को बेताब हैं. संजय निषाद ने अपनी ताकत बताते हुए कहा कि यूपी में 10 सीटें ऐसी हैं जहां निषादों की संख्या 4 लाख के करीब है. उन्होंने ये भी दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 127 सीटों पर रैलियां की थीं जिसमें से 110 पर भाजपा को जीत मिली. लोकसभा में निषाद पार्टी का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए या नहीं ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्यों नहीं. उन्होंने आगे कहा कि उनके पास अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल से कम वोट नहीं है. सीटों की संख्या को लेकर तो उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन, अनुप्रिया पटेल से अपनी तुलना करके ये जाहिर कर दिया कि वे भी कम से कम दो सीटों की उम्मीद तो रखते ही हैं.

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अपना दल एस के कार्यकारी अध्यक्ष और यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि सीटों की संख्या को लेकर कोई विवाद नहीं होगा. जब टेबल पर बैठेंग तो फैसला हो जाएगा. हालांकि उन्होंने ये जरूर बताया कि यूपी के तीन मण्डलों को छोड़कर बाकी हर जिले में उनका वोटबैंक बहुतायत में है. जाहिर है NDA में INDIA गठबंधन की तरह सीटों की लड़ाई भले ही मंच से न दिखे लेकिन, भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के सामने सही गुणा-गणित का चैलेंज तो रहेगा ही. खासकर ओपी राजभर को लेकर.

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