देश में आने वाले हफ्तों में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले, भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों से कहा है कि आदर्श आचार संहिता के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उल्लंघन के मामले में उन्हें कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। अपनी एडवाइजरी में चुनाव आयोग ने पार्टियों, उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों से जाति, धर्म, भाषा के आधार पर अपील नहीं करने का आग्रह किया है। आयोग ने पार्टियों और नेताओं से कहा है कि वे बिना तथ्यात्मक आधार वाले बयान न दें और मतदाताओं को गुमराह न करें।
प्रमुख सलाह
– चुनाव आयोग ने पार्टियों से मर्यादा और अत्यधिक संयम बनाए रखने, चुनाव अभियान के स्तर को मुद्दा-आधारित बहस तक बढ़ाने को कहा।
– पूर्व में नोटिस प्राप्त कर चुके स्टार प्रचारकों, उम्मीदवारों को दोबारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
– सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंद्वियों की निंदा या अपमान करने वाले पोस्ट, खराब स्वाद वाले या गरिमा से नीचे के पोस्ट साझा नहीं किए जाने चाहिए।
– ऐसी बातें न कही जाएं, जिनमें भक्त-देवता संबंधों का उपहास हो, और न ही दैवीय निंदा की जानी चाहिए।
– लोकसभा चुनाव से पहले, निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों से मर्यादा और अत्यधिक संयम बनाए रखने, चुनाव अभियान के स्तर को मुद्दा-आधारित रखने को कहा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निर्वाचन आयोग से आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने और शहरी इलाकों में विभिन्न आवासीय सोसायटी के परिसरों में भी मतदान केंद्र स्थापित किए जाने की मांग की। एक ज्ञापन में भाजपा ने निर्वाचन आयोग से राजनीतिक दलों की मीडिया सामग्री की अनुमोदन प्रक्रिया में सुधार पर विचार करने का भी आग्रह किया ताकि उन्हें अपने अभियान की योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। पार्टी ने आयोग से यह सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया कि चुनाव के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने घरों पर झंडे लगाने और वॉल पेंटिंग बनाने से संबंधित नियम में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए।