लोकसभा चुनाव ड्यूटी में लगने वाली गाड़ियों के रेट हुए फिक्स, देखिए पूरी की पूरी लिस्ट, इस बार नहीं फंसेंगे पैसे

हाइलाइट्स

लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में लगने वाली गाड़ियों के रेट तय हुए.
इस बार वाहन मालिकों को भुगतान के लिए नहीं पड़ेगा भटकना.

पटना. लोकसभा चुनाव को लेकर परिवहन विभाग ने वाहनों के अधिग्रहण की रेट तय कर दी है. इसके तहत बस ट्रक इनोवा स्कॉर्पियो से लेकर ऑटो डंपर सबके दैनिक रेट तय किए गए हैं. इतना ही नहीं इस बार चुनाव के लिए चिन्हित किए जाने वाले वाहनों के भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है. इसके लिए व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल भी तैयार किया गया है जहां वाहनों से जुड़ी सारी जानकारी और आंकड़े अपलोड रहेंगे. परिवहन विभाग द्वारा चुनाव कार्य में लगाए जाने वाले वाहनों के लिए नया गाइडलाइन भी जारी किया गया है. खास बात यह किआगामी लोकसभा चुनाव में वाहनों के अधिग्रहण पर मालिकों को पैसे के लिये भटकना नहीं पड़ेगा और न ही उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

इस क्रम में विभाग द्वारा सभी प्रमंडलीय आयुक्त जिलाधिकारी जिला परिवहन अधिकारियों को कई तरह के आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. चुनाव के दौरान अधिग्रहित किए गए वाहनों का रेट जो तय किया गया है उसके अनुसार, जीप और कार के लिए 1000 तो मोटरसाइकिल के लिए 350 रुपया रोजाना दिया जाएगा. 50 सीट से अधिक सीट वाले बसों के लिए 3500, 40 से 49 सीट वाले बसों के लिए 3200 मिनी बसों के लिए 2500, मैक्सी सिटी राइड विंगर टेंपो ट्रैवलर और समक्ष वाहनों के लिए 2000, छोटी कर के लिए 1000 छोटी एसी कार के लिए 1100 रुपये दिए जाएंगे.

लोकसभा चुनाव ड्यूटी में लगने वाली गाड़ियों के रेट हुए फिक्स, देखिए पूरी की पूरी लिस्ट, इस बार नहीं फंसेंगे पैसे

वहीं, ट्रैक्टर और जीप के लिए 1000, बोलेरो सुमो मार्शल के लिए 1000 बोलेरो सुमो मार्शल एसी के लिए 1600, स्कॉर्पियो क्वालिस, टवेरा एसी के लिए 1900, इनोवा सफारी एसी के लिए 2100 विक्रम माया मिनी डोर ओमनी फोर्स मेटाडोर के लिए 900 ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा के लिए 700, मोटरसाइकिल के लिए 350 भारी वाहन के लिए 2500 से 3200 मध्य वाहन के लिए 1700, हल्के वाहन के लिए 1000 से 1400, ट्रैक्टर ट्रेलर के लिए 1000 रुपये रेट तय किए गए हैं.

विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन बताया गया है कि निर्वाचन कार्य में काफी संख्या में मतदानकर्मियों, सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स के साथ चुनाव सामग्रियों की भी धुलाई के लिए वाहनों की जरूरत होती है. सरकारी वाहनों से इसकी क्षतिपूर्ति नहीं होने पर जिला स्तर पर वाहनों अधिग्रहण किया जाता है. विभाग द्वारा सभी जिलों को मतदान केंदों के साथ ही सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स और पुलिस वालों की प्रतिनियुक्ति के आधार पर वाहनों का आकलन करने का निर्देश जारी कर दिया गया है.

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