लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा : जानें विश्व के सबसे बड़े चुनाव से जुड़े सवालों के जवाब

उत्तर: 543 सीटों के लिए 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा. 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीट, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 89 सीट, 7 मई को तीसरे चरण में 94 सीट, 13 मई को चौथे चरण में 96 सीट, 20 मई को पांचवें चरण में 49 सीट, 25 मई को छठे चरण में 57 सीट और एक जून को सातवें और अंतिम चरण में 57 सीटों पर वोटिंग होगी.

प्रश्न: कब होगी वोटों की गिनती?

उत्तर: नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.

प्रश्न: कितने लोग मतदान करेंगे?

उत्तर: लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं. साल 2019 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 90 करोड़ थी.

प्रश्न: मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए कौन पात्र है?

उत्तर: मतदाता पंजीकरण के लिए पात्र होने के लिए, व्यक्ति को भारतीय नागरिक, कम से कम 18 वर्ष की आयु और संबंधित क्षेत्र का सामान्य निवासी होना चाहिए.

प्रश्न: पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या कितनी है 

उत्तर: ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं.

प्रश्न: देश में कितने मतदान केंद्र और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होंगे?

उत्तर: देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा.

सवाल : लोकसभा की कितनी सीटों पर चुनाव होने हैं?

जवाब: देश भर में 543 लोकसभा सीट पर चुनाव होने हैं. इसके अलावा देश के 4 राज्यों में विधान सभा के भी चुनाव होने हैं. इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम शामिल है.

अगर मतदाता सूचि में नाम नहीं आता है तो क्या करना करना होगा?

जवाब: ऐसे में आपको निकटतम चुनाव आयोग के कार्यालय से संपर्क करना होगा. साथ ही साथ www.nvsp.in वेबसाइट पर जाकर जानकारी लेनी होगी.

प्रश्न : वोटर कार्ड नहीं होने पर कैसे वोट दिया जा सकता है?

अगर वोटर कार्ड नहीं है तो सरकारी दस्तावेज (आधार कार्ड, राशन कार्ड, या सरकारी पहचान पत्र) की मदद से वोट डाला जा सकता है. 

NOTA क्या है? इसके कब लागू किया गया था? किस राज्य में NOTA का इस्तेमाल ज्यादा हुआ है?

NOTA का अर्थ होता है ‘None Of The Above’ मतलब दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसे 2013 में लागू किया गया था. पिछले चुनाव में उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा NOTA का इस्तेमाल किया गया था.

आदर्श आचार संहिता क्या है? इससे क्या प्रभाव पड़ता है?

बेहतरीन चुनाव संपन्न कराने के लिए राजनीतिक पार्टियों को, उम्मीदवारों को चुनाव आयोग निर्देश देता है कि कुछ ऐसा ना करें, जिससे चुनाव पर प्रभाव पड़े. 

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