भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी जिला स्थित परिहार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत परवाहा गांव के रहने वाले जफर पहले चेन्नई में रहकर बैक की फैक्ट्री चलाते थे. लेकिन कोरोना कल के दौरान लगे लॉकडाउन के चलते उनका कारोबार चौपट हो गया. मजबूरन जफर को सब कुछ छोड़कर वापस गांव लौटना पड़ा. कुछ समय बीतने के बाद गांव में ही बिस्कुट बनाने की कंपनी खोल ली. कारोबार जब फलने-फूलने लगा तो 6 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं. साथ हीं हर माह 60 हजार से अधिक की कमाई कर रहे हैं.
लॉक डाउन के चलते बंद हो गई फैक्ट्री
जाफर ने बताया कि लॉकडाउन के समय बैग की कंपनी बंद हो गई, तब चेन्नाई से गांव आना पड़ा. गांव आने के बाद बहुत दिनों तक बेकार बैठा रहा. कुछ महीने के बाद निर्णय लिए कि क्यों ना बिस्किट बनाने की कंपनी डाली जाए. इससे नहीं सिर्फ लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि कमाई भी होगी. उन्होंने बताया यह विचार चेन्नई में आया था जहां बैग फैक्ट्री थी वहीं पर बेकरी का भी काम होता था. इसलिए बेकरी के कारोबार को हीं शुरू किया.
8 लाख लोन लेकर शुरू किया था बेकरी का कारोबार
जाफर ने बताया कि बेकरी में 6 लोगो को रोजगार भी दे रहे है. उन्होंने बताया कि जो लोग नौकरी करने के लिए बाहर जाते हैं, यदि व्यवस्था यहीं मिल जाए तो काम के लिए लोगों को परदेश नहीं जाना पड़ेगा.इसी सब को देखते हुए कंपनी लगाया है और इसे विस्तार भी देना चाहते हैं. जिससे अपनी कमाई के साथ-साथ लोगो को रोजगार भी मिले. उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत करने के लिए सरकार से 8 लाख लोन भी लिया था.
बेकरी से रोजाना दो हजार की हो रही है कमाई
जाफर ने बताया किप्रतिदिन बेकरी से दो क्विंटल से अधिक बिस्किट की सप्लाई होती है. जिसमें मजदूरी और लागत को हटाकर रोजाना 2 हजार तक की कमाई हो जाती है. जाफर ने बताया कि एक रुपए वाली बिस्किट की कीमत 80 रुपए प्रति किलो है और इसमें 88 पीस रहता है. दुकानदार को एक किलो पर 8 रुपए का मुनाफ़ा होता है. वहीं अन्य बिस्किट 100 रुपए किलो है, जिसमें 45 पीस रहता है. दुकानदार को इसपे 20 रुपए तक का मुनाफ़ा होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2023, 17:28 IST