नई दिल्ली. भारत के संविधान ने देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार और न्यायपूर्ण जीवन जीने का अधिकार दिया है. लेकिन, कभी-कभी जानकारी के आभाव में इंसान गलती कर बैठता है और उसे तब पछतावा होता है, जब वह कानून के शिकंजे में फंस जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही कानून के बारे में, जिसका उल्लंघन कमोबेश सभी लोग या उनके इर्द-गिर्द रहने वाला व्यक्ति करता है. हालांकि, ज्यादातर इस तरह की गलतियां जानकारी के अभाव में हो जाती है. जैसे, सोना, चांदी और पैसे की तरह जमीन रखने का भी एक सीमा तय है. एक निश्चित सीमा के बाद अगर आपके पास जमीन मिलती है तो आप पर कानूनी कार्रवाई से इंकार नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि भारत में कृषि योग्य भूमि कितना लिमिट तक रख सकते हैं, इसको लेकर कोई कानून नहीं है. लेकिन, देश में हर राज्यों ने जमीन रखने का एक निश्चित लिमिट यानी सीमा तय कर रखी है. इसलिए, ऐसा नहीं है कि आप 100 एकड़ और 1000 एकड़ जमीन खरीद कर रख सकते हैं. लेकिन, भारत में जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. पूरे देश में जमीन रखने का एक-सा कानून नहीं है.

देश में एक व्यक्ति अपनी मर्जी के अनुसार जितनी चाहे उतनी भूमि का मालिक नहीं बन सकता है.
क्या जमीन की सीमा भारत में तय है?
भारत में जमींदारी प्रथा को खत्म करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को यह अधिकार दे दिया. देश में एक व्यक्ति अपनी मर्जी के अनुसार जितनी चाहे उतनी भूमि का मालिक नहीं बन सकता है. भारत में जमीन खरीदने की लिमिट या सीमा अलग-अलग राज्यों के भौगोलिक स्थिति के अनुसार तय की गई है. खेती योग्य जमीन की एक सीमा हर राज्य ने तय की है. इसके लिए पूरे देश में एक सा कानून नहीं है.
कब आया था कानून
भूमि संशोधन अधिनियम 1954 देश में जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए बनाया गया था. इस अधिनियम के आने के बाद हर राज्यों के अलग-अलग जमीन रखने का नियम है. केरल में भूमि संशोधन अधिनियम 1963 के तहत एक गैर-विवाहित व्यक्ति केवल 7.5 एकड़ तक जमीन ही खरीद सकता है. वहीं, 5 सदस्यों वाला परिवार 15 एकड़ तक जमीन खरीद सकता है. महाराष्ट्र में खेती योग्य भूमि केवल वही खरीदेगा जो पहले से खेती में है. यहां अधिकतम सीमा 54 एकड़ की है. पश्चिम बंगाल में अधिकतम 24.5 एकड़ जमीन खरीदी जा सकती है. वहीं, बिहार मे आप 15 एकड़ तक कृषि योग्य जमीन खरीद सकते हैं.

हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यो में जमीन खरीदने का अलग कानून है. (फाइल फोटो)
हर राज्य में अलग-अलग कानून क्यों
हिमाचल प्रदेश में 32 एकड़ जमीन खरीदी जा सकती है. कर्नाटक में भी 54 एकड़ जमीन खरीद सकते हैं और यहां भी महाराष्ट्र वाला नियम लागू है. उत्तर प्रदेश में अधिकतम 12.5 एकड़ खेती योग्य जमीन एक व्यक्ति खरीद सकता है. देश में हर राज्यों को इसलिए जमीन बनाने का कानून दिया गया है क्योंकि इनकी भौगोलिक स्थिति अलग है. स्थानीय निवासी, आदिवासी भूमि, लाल डोरा की जमीन कई तरह के जमीन सरकार के पास है, जिस पर राज्य सरकारों को हक दिया गया है.
ये भी पढ़ें: जेवर एयरपोर्ट के पास 30 से 40 लाख रुपये में खरीदें फ्लैट… लेकिन, इस वजह से करना होगा थोड़ा इंतजार
अगर बात पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की करें तो यहां संपत्ति विरासत कानून में भी जमीन रखने का प्रावधान है, लेकिन वहां भी भारत की तरह हर प्रांत के लिए अलग-अलग नियम हैं. यही हाल बांग्लादेश का भी है. बांग्लादेश में भी जमीन रखने को लेकर कोई तय कानून नहीं है. तीनों देश में अंग्रेजों के द्वारा पारित कानून अभी भी संशोधित रूप में लागू हैं. कुलमिलाकर, भारत में अगर आप निर्धारित सीमा से ज्यादा जमीन रखते हैं तो जेल भी जाना पड़ सकता है.
.
Tags: Bangladesh, India pakistan
FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 16:17 IST