लाल सागर में हूतियों के हमले के बाद जहाज डूबा: 13 दिन पहले यमन के पास हुआ था मिसाइल अटैक; ब्रिटेन ने क्रू को रेस्क्यू किया

कुछ ही क्षण पहले

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फुटेज में रूबीमार जहाज का एक हिस्सा लाल सागर में डूबता दिख रहा है। (क्रेडिट- डेली मेल) - Dainik Bhaskar

फुटेज में रूबीमार जहाज का एक हिस्सा लाल सागर में डूबता दिख रहा है। (क्रेडिट- डेली मेल)

लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के बीच पहली बार कोई जहाज डूब गया है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने 18 फरवरी को बाब-अल मंडब स्ट्रेट में रूबीमार नाम के जहाज पर मिसाइल से अटैक किया था। इसके बाद जहाज के क्रू मेंबर्स को ब्रिटिश मिलिट्री ने रेस्क्यू किया।

मीडिया हाउस इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक रूबीमार एक ब्रिटिश जहाज है। इस पर बेलीज का फ्लैग लगा हुआ था। हूतियों ने जब इस पर हमला किया तब यह यमन के मोखा पोर्ट से करीब 27.78 किमी की दूरी पर था। पिछले 12 दिनों से यह उत्तर की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन लाल सागर में तूफान और खराब मौसम की वजह से जहाज डूब गया।

जहाज पर हमला होने के बाद ब्रिटेन ने क्रू को रेस्क्यू कर लिया था, जबकि जहाज को लाल सागर में छोड़ दिया गया था। (क्रेडिट- डेली मेल)

जहाज पर हमला होने के बाद ब्रिटेन ने क्रू को रेस्क्यू कर लिया था, जबकि जहाज को लाल सागर में छोड़ दिया गया था। (क्रेडिट- डेली मेल)

जहाज में मौजूद था फर्टिलाइजर, अमेरिका ने इसे समुद्र के लिए खतरा बताया
AP न्यूज के मुताबिक, क्रू को रेस्क्यू करने के बाद जहाज को टो करके पोर्ट पर लाने की योजना थी। हालांकि इससे पहले ही यह डूब गया। इससे पहले अमेरिका ने जहाज में मौजूद फर्टिलाइजर और फ्यूल लीक होने को लेकर चिंता जताई। इसे समुद्र के लिए खतरनाक कहा गया।

जहाज डूबने की खबरों के बीच यमन के प्रधानमंत्री अहमद अवद बिन मुबारक ने कहा- हमें हर दिन हूती विद्रोहियों के ऐक्शन की भरपाई करनी पड़ती है। वो देश को तबाही और जंग की तरफ धकेल रहे हैं। दूसरी तरफ, हूतियों ने 18 फरवरी को हमले के बाद ही जहाज के डूबने का दावा किया था।

अमेरिका-ब्रिटेन ने 4 बार यमन में हूतियों पर हमला किया
बता दें कि इजराइल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीनियों के समर्थन में हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हैं। इसकी वजह से कई जहाज अपना रास्ता भी बदल रहे हैं। हूतियों के हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर अब तक 4 बार यमन में हूतियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है।

अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के कारण अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर गंभीर असर पड़ रहा है। भारत से यूरोप के लिए डीजल की सप्लाई पिछले 2 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। इसमें करीब 90% की गिरावट दर्ज की गई है। एशिया से यूरोपियन यूनियन (EU) और ब्रिटेन जाने वाले कार्गो के शिपिंग चार्ज बढ़ गए हैं।

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भारत का 80% व्यापार समुद्री रास्ते से
ग्लोबल ट्रेड का करीब 12% और 30% कंटेनर ट्रैफिक हर साल लाल सागर के स्वेज कैनाल से होकर गुजरता है। हूती विद्रोहियों के हमलों से यूरोप और एशिया के बीच मुख्य मार्ग पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है।

भारत का 80% व्यापार समुद्री रास्ते से होता है। वहीं 90% ईंधन भी समुद्री मार्ग से ही आता है। समुद्री रास्ते में हमले से भारत के कारोबार पर सीधा असर पड़ता है। इससे सप्लाई चेन बिगड़ने का खतरा है। हूतियों से निपटने के लिए अमेरिका ने करीब 10 देशों के साथ मिलकर एक गठबंधन भी बनाया है, जो लाल सागर में हूतियों को रोकने और कार्गो शिप्स को हमले से बचाने का काम कर रहा है।

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