लाल सागर में हुआ कुछ ऐसा… एशिया से यूरोप तक हड़कंप, इंटरनेट बंद होने का खतरा

नई दिल्ली: लाल सागर में पानी के नीचे कई केबलों के काटने की खबर है. यह हरकत यमन के हूती विद्रोहियों ने किया है. हूती विद्रोहियों द्वारा लक्षित एक प्रमुख जलमार्ग में दूरसंचार नेटवर्क बाधित हो गया है. हांगकांग स्थित इंटरनेट सेवा प्रदाता HGC ग्लोबल कम्युनिकेशंस के एक बयान के अनुसार, क्षेत्र में समुद्र के नीचे 15 केबलों में से चार को काट दिया गया है, जिससे एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच लगभग एक चौथाई इंटरनेट प्रभावित हुआ है.

HGC का अनुमान है कि एशिया और यूरोप के साथ-साथ मध्य पूर्व के बीच 25% इंटरनेट ट्रैफिक प्रभावित हुआ है. कंपनी ने कहा कि वह ग्राहकों के लिए व्यवधान को कम करने के लिए इंटरनेट ट्रैफिक का मार्ग बदल रही है और प्रभावित व्यवसायों को सहायता भी प्रदान कर रही है.

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HGC ने यह नहीं बताया कि केबल कैसे क्षतिग्रस्त हुए या कौन जिम्मेदार था. दक्षिण अफ्रीका स्थित सीकॉम, जो प्रभावित केबल प्रणालियों में से एक का मालिक है, ने CNN को बताया कि मरम्मत कम से कम एक और महीने तक शुरू नहीं होगी. ऐसा आंशिक रूप से इस क्षेत्र में संचालन के लिए परमिट प्राप्त करने में लगने वाले समय के कारण होगा.

लाल सागर में हुआ कुछ ऐसा... एशिया से यूरोप तक मच गया हड़कंप, इंटरनेट बंद होने का मंडराया खतरा

अंडरवाटर केबल इंटरनेट को चलाने वाली अदृश्य शक्ति हैं, जिनमें से कई को हाल के सालों में Google, Microsoft, Amazon और Facebook पैरेंट मेटा जैसे इंटरनेट दिग्गजों द्वारा वित्त पोषित किया गया है. इन समुद्री नेटवर्कों के क्षतिग्रस्त होने से बड़े पैमाने पर इंटरनेट बंद हो सकता है, जैसा कि 2006 में ताइवान में आए भूकंप के बाद हुआ था. हालांकि कल के फेसबुक के शटडाउन से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

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