सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : सनातन धर्म में खरमास का माह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक वर्ष में दो बार ऐसा मौका आता है जब खरमास लगता है. एक खरमास मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच और दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक होता है. ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य देव जब गुरु ग्रह की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो उस समय खरमास लगता है. इस वर्ष साल का दूसरा खरमास का प्रारंभ सूर्य ग्रह के धनु राशि में गोचर करने से शुरू होगा. सूर्य का गोचर धनु राशि में 16 दिसंबर से शुरू होगा और उस दिन से खरमास का माह शुरू होगा.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में खरमास का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वर्ष खरमास 16 दिसंबर दिन रविवार शाम 4:09 से प्रारंभ हो रहा है जिसका समापन 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन होगा. इतना ही नहीं खरमास में कई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करने भी जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में खरमास के महीने में कुछ ज्योतिष के अनुसार उपाय करने से जीवन में आ रही तमाम परेशानियां दूर भी हो जाती है.
ऐसे करें सूर्य देव की पूजा
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि खरमास के दौरान सूर्य देव की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए, प्रतिदिन सूर्य देव को जल और लाल फूल के साथ लाल चंदन से अर्घ देना चाहिए. इसके अलावा सूर्य मंत्र का जाप लाल चंदन की माला से करनी चाहिए. खरमास में ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है करियर में सफलता मिलती है.
इन उपायों से गुरु होंगे मजबूत
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि खरमास के समय देवगुरु बृहस्पति की पूजा आराधना करनी चाहिए. कुंडली में गुरु के मजबूत होने से धन और विद्या दोनों ही प्राप्त होते हैं. करियर में उन्नति होती है अगर आपकी कुंडली में गुरु कमजोर हैं तो फिर खरमास में आप प्रत्येक गुरुवार को बृहस्पति भगवान की पूजा आराधना करें. बृहस्पति चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं और गुरु की कृपा बनी रहती है.
(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र द्वारा आधारित है न्यूज़ 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता)
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2023, 19:02 IST