Bihar Political Crisis: बिहार की राजनीति एक बार फिर से करवट लेने जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का 9 साल में चौथी बार पाला बदलना तय माना जा रहा है. ऐसे में 18 महीने पुरानी चाचा-भतीजे की जोड़ी एक बार फिर से बेपटरी हो गई है. एक बार फिर से बड़े भाई और छोटे भाई का संबंध टूटना महज सिर्फ औपचारिकता ही रह गई है. ऐसे में दोनों तरफ से कुछ ही देर के आरोप- प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर शुरू हो जाएगा, जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाएंगे. हालांकि, इस बार आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu yadav), नीतीश कुमार को बख्शने के मूड में नहीं हैं. लालू भी राबड़ी आवास से बिहार में खेला शुरू कर दिया है. आरजेडी सूत्रों की मानें तो लालू ने नीतीश कुमार का खेल बिगाड़ने के लिए पूरा प्लान तैयार कर उस पर काम भी शुरू कर दिया है. इसके लिए प्लान-A, प्लान-B और प्लान-C बनाया गया है.
पलान-ए के तहत लालू यादव की नजर आरजेडी से जेडीयू में गए उन विधायकों पर है, जो बीजेपी के साथ जाने पर असहज महसूस कर रहे हैं. वहीं, प्लान-बी की तरह विधानसभा अध्यक्ष बड़ा खेला कर सकते हैं और प्लान- सी के तहत आरजेडी नीतीश कुमार के अगले कदम का इंतजार करेगी. दूसरी तरफ, आरजेडी सूत्रों ने दावा किया है कि जेडीयू के कुछ विधायक लालू यादव के सीधे संपर्क में हैं. ऐसे में अगर नीतीश कुमार के विधायक तीर का साथ छोड़ कर लालटेन जलाने आते हैं तो निश्चित रूप से यह माचिस का काम करेंगे. हालांकि, इसकी संभावना अभी न के बराबर दिख रही है. क्योंकि, नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं.
26 जनवरी को झंडा पहराने के बाद से ही बिहार की राजनीति पर चर्चा तेज हो गई है. (फाइल फोटो)
लालू यादव का लालटेन बुझेगा?
बता दें कि 26 जनवरी को झंडा पहराने के बाद से ही बिहार की राजनीति पर चर्चा तेज हो गई है. हर कोई नीतीश कुमार का पाला बदलने की भविष्यवाणी कर रहा है. हालांकि, जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी नेता अभी तक संभलकर बात कर रहे हैं. किसी भी खेमे की तरफ से स्पष्ट संकेत नहीं दिया जा रहा है. लेकिन, इस बीच कहीं न कहीं दोनों खेमा जेडीयू और आरजेडी अपने-अपने विधायकों के सीधे संपर्क में है. दोनों को डर सता रहा है कि विधायक कहीं पाला न बदल लें.
किस प्लान पर लालू कर रहे हैं काम
वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘बीजेपी के कई विधायक ऐसे हैं, जो नीतीश कुमार को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन, ये विधायक पीएम मोदी और अमित शाह के फैसले को कभी चुनौती नहीं देंगे. जबकि, जेडीयू को अपने विधायकों पर उतना भरोसा नहीं है. क्योंकि, हाल ही जेडीयू के एक विधायक ने पीएम मोदी और राम मंदिर को लेकर भद्दी टिप्पणी कर रामभक्तों का मजाक उड़ाया था. ऐसे में माना जा रहा है कि जेडीयू के कुछ विधायक बीजेपी के साथ असहज महसूस कर रहे हैं. जबकि, बीजेपी विधायक पार्टी आलाकमान के निर्देशों को पालन करेंगे. लेकिन, नीतीश कुमार के सामने बड़ी चुनौती होगी कि वह अपने विधायकों को कैसे एकजुट रख सके.’
विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.
क्या नीतीश कुमार फिर से बदलेंगे पाला
कुछ बीजेपी नेताओं की मानें तो विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ हो तो अचरज नहीं होना चाहिए. माना जा रहा है कि जबतक विधानसभा का चुनाव नहीं होता है तबतक नीतीश कुमार ही सीएम बने रहेंगे. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार को केंद्र में या किसी प्रदेश का राज्यपाल बना कर एक सेफ एग्जिट दिया जा सकता है.
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इधर, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी बेटे तेजस्वी यादव को गद्दी पर बैठाने के लिए अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं. माना जा रहा है कि बुझती लालटेन में लौ जलाने के लिए लालू यादव ने जेडीयू के ऐसे विधायकों से संपर्क किया है, जो पहले आरजेडी में रह चुके हैं. ऐसे विधायकों की संख्या तकरीबन 8-9 से बताई जा रही है. आरजेडी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे को डिप्टी सीएम का ऑफर दिया है. लेकिन, जीतन राम मांझी ने ऑफर स्वीकार करने से मना कर दिया है.
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Tags: Bihar News, BJP, Chief Minister Nitish Kumar, Lalu Yadav
FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 17:14 IST