लाड़ली बहना स्कीम को जमीन पर लाने वाले पूर्व सीएस बनेंगे सुशासन संस्थान के वीसी!

हाइलाइट्स

शिवराज सिंह चौहान फिर मुख्यमंत्री बने तो इकबाल वीसी के साथ-साथ मुख्य सलाहकार की भूमिका अदा कर सकते हैं
पूर्व सीएस आर. परशुराम को सरकार से एक मामले में विवाद के बाद यहां से हटना पड़ा था.

भोपाल. अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष (वीसी) पद से प्रो सचिन चतुर्वेदी ने इस्तीफा दे दिया है. उनके स्थान पर पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को पदस्थ किए जाने की चर्चा है. बैंस ने मुख्य सचिव रहते हुए गेमचेंजर मानी जाने वाली स्कीम लाड़ली बहना को लागू किया था.

मंत्रालय सूत्रों ने दावा किया है कि यदि फिर से शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया जाता हैं तो बैंस को उपाध्यक्ष पद मिलना तय हो जाएगा. यही नहीं, इकबाल को मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार भी पदस्थ किया जा सकता है. इकबाल सिंह बैंस को मुख्यसचिव के टर्म में दो बार एक्सटेंशन मिला था. हाल ही में 30 नवंबर को वे रिटायर हुए हैं. वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफी करीब माने जाते हैं. वे उनके सचिव व प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं. प्रदेश में आनंद विभाग शुरू करने का श्रेय भी इकबाल को जाता है.

MP News: लाड़ली बहना स्कीम को जमीन पर लाने वाले पूर्व सीएस इकबाल को मिलेगा इनाम, बन सकते हैं सुशासन संस्थान के वीसी

पांच साल की प्लानिंग लेकर सीएम के पास गए, लौटे तो इस्तीफ दिया
प्रो. सचिन चतुर्वेदी को करीब तीन साल पहले सुशासन संस्थान का उपाध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने योजना एवं नीति आयोग को एक साथ मर्ज कराते हुए इसके भी पदेन अध्यक्ष बन गए थे. वे करीब पांच लाख रुपए प्रतिमाह का वेतन ले रहे थे. चतुर्वेदी ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ ही सुशासन संस्थान आना बंद कर दिया था. लेकिन जैसे ही नतीजे भाजपा के पक्ष में आए वे अचानक भोपाल आ गए. सूत्रों के मुताबिक यहां आकर  उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात कर अगले पांच साल की कार्ययोजना बताई थी. लेकिन इस योजना को खारिज करते हुए उन्हें इस्तीफा देने के निर्देश दिए गए. इसके बाद उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
पूर्व सीएस परशुराम को नाराजगी की वजह से हटना पड़ा था
सुशासन संस्थान में चतुर्वेदी से पहले पूर्व सीएस आर परशुराम को पदस्थ किया गया था. सरकार से एक मामले में ठन जाने पर उन्होंने इस्तीफा दिया था. हालांकि अभी तक रिटायर मुख्य सचिव के लिए सबसे अच्छा पद नर्मदा घाटी विकास प्राधिकारण के उपाध्यक्ष का माना जाता है. इसके साथ ही, रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के चेयरमेन, मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष और मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर भी रिटायर मुख्य सचिव का पुर्नवास किया जाता रहा है.

इकबाल को इसलिए पसंद आया सुशासन संस्थान
इकबाल सिंह बैंस की कार्यप्रणाली नीतियां, एक्ट और नियम बनाने की रही है. इस लिहाज से सुशासन संस्थान सबसे बेहतर जगह है. वहीं, यह संस्थान एक स्वायत्त संस्थान है. यहां किसी मंत्री या अन्य किसी ब्यूरोक्रेट का हस्तक्षेप नहीं है. ऐसे में यहां पदस्थ कोई भी वीसी स्वतंत्र होकर काम कर सकता है. इसके अलावा वीसी का वेतन मुख्य सचिव से भी ज्यादा है.

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