राजकुमार सिंह/वैशाली. आजकल समय बदल रहा है. किसान अब उन्हीं फसल की खेती करना चाहते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा फायदा हो. पपीता की खेती भी उन्हीं में से एक है. यही कारण है कि इन दिनों वैशाली जिले में भी लोग बड़े पैमाने पर पपीता की खेती करने लगे हैं. किसानों की माने तो पपीता की खेती से लागत का आठ से दस गुना तक फायदा होता है. वैशाली जिले के रिखर गांव के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार सिंह ने पारंपरिक खेती छोड़कर डेढ़ एकड़ में पपीता की खेती की है. इससे वह सालाना 10 लाख रुपए तक कमा रहे हैं.
धर्मेंद्र ने बताया कि वह पिछले 5 साल से पपीता की खेती कर रहे हैं. वह बताते हैं कि एक बार नामी डीह के रहने वाले एक किसान के यहां गए थे. वहां उन्होंने किसान की पपीता की बागवानी को देखा. किसान से बातचीत करने के बाद पपीता की खेती में उन्हें मुनाफा दिखाई दिया. फिर इसकी शुरुआत उन्होंने पांच कट्ठा में खेती से की थी. लेकिन पपीता में अन्य फसलों की अपेक्षा ज्यादा इनकम दिखा, तो खेती का दायरा बढ़ाकर अब डेढ़ एकड़ कर लिया है.
1 पौधा से 1 क्विंटल पपीता का फलन
उन्होंने डेढ़ एकड़ खेत में पपीता का 1500 पौधा लगाया है. साल में एक पौधा से एक क्विंटल से अधिक पपीता निकाला जा सकता है. किसान धर्मेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि रेड लेडी 786 नस्ल के पपीता की खेती हमने डेढ़ एकड़ में की है. डेढ़ एकड़ खेत में 1500 पौधे लगे हैं. इसकी खेती में एक साल में एक लाख रुपए का खर्च आता है. हालांकि इससे साल में 10 लाख तक का मुनाफा भी हो रहा है.
खेत से ही पपीता खरीद ले जाते हैं व्यापारी
उन्होंने बताया कि व्यापारी खेत से ही पपीता खरीद कर ले जाते हैं. एक पौधे में एक किवंटल से अधिक पपीता का फलन होता है. वह बताते हैं कि पपीता की बागवानी देखने के लिए भी दूर-दूर से किसान हमारे यहां आते हैं. उन्होंने अन्य किसानों को भी पपीता की खेती करने की सलाह दी.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2023, 15:19 IST