हाइलाइट्स
दवाओं की बिक्री का अधिकार दोषी से छीन लिया गया था, इसके बावजूद उसने फर्जी नाम, हस्ताक्षर का उपयोग करके श्रृंग को बेचा.
दोषी ठहराए जाने के बाद और मुकदमे की पूर्व संध्या पर उसने निकनेम का उपयोग क विभिन्न सरकारी एजेंसियों को झूठे ईमेल लिखे,
नई दिल्ली. अमेरिका में मंगलवार को एक भारतीय नागरिक को 28 लाख डॉलर यानी करीब 23 करोड़ 25 लाख की स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी के मामले में नौ साल की कैद की सजा सुनाई गई. अदालती दस्तावेजों के अनुसार घरेलू स्वास्थ्य कंपनी ‘श्रृंग होम केयर इंक (श्रृंग)’ के मालिक एवं संचालक मिशिगन निवासी 43 वर्षीय योगेश के. पंचोली से दवाओं की बिक्री का अधिकार छीन लिया गया था, बावजूद इसके पंचोली ने कंपनी के अपने स्वामित्व को छिपाने के लिए दूसरों के नाम, हस्ताक्षर और व्यक्तिगत पहचान संबंधी जानकारी का उपयोग करके श्रृंग को बेचा.
संघीय अभियोजकों ने कहा कि दो महीने की अवधि में पंचोली और साजिश में शामिल उसके सहयोगियों ने बिल बनाया और उन्हें मेडिकेयर द्वारा उन सेवाओं के लिए लगभग 28 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया गया, जो सेवा कभी प्रदान ही नहीं की गई थी. अभियोजकों ने आरोप लगाया कि पंचोली ने इस धन को फर्जी कंपनियों के बैंक खातों के माध्यम से और अंततः भारत में अपने खातों में स्थानांतरित कर दिया.
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झूठे मेल कर जांच को किया प्रभावित
दोषी ठहराए जाने के बाद, और मुकदमे की पूर्व संध्या पर, पंचोली ने निकनेम का उपयोग करते हुए, विभिन्न संघीय सरकारी एजेंसियों को झूठे ईमेल लिखे, जिसमें आरोप लगाया गया कि एक सरकारी गवाह ने विभिन्न अपराध किए हैं और उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्हें गवाही देने से रोका जाए. अमेरिका के मिशिगन के पूर्वी जिले में एक संघीय जूरी ने बीते साल सितंबर में पंचोली को स्वास्थ्य देखभाल और वायर धोखाधड़ी की साजिश रचने, स्वास्थ्य देखभाल धोखाधड़ी के दो महत्वपूर्ण मामले, मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामले, गंभीर पहचान की चोरी के दो मामले और गवाह टेंपरिंग के मामले में दोषी ठहराया था.
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FIRST PUBLISHED : January 31, 2024, 15:43 IST