लाइब्रेरी ने बदल दिया पढ़ाई का माहौल मुफ्त में सैकड़ोंछात्र कर रहें हैं तैयारी 

गौरव सिंह/भोजपुर.बिहार के आरा में जीविका समूह के द्वारा खोले गए पुस्तकालय से ग्रामीण क्षेत्र के गरीब छात्रों को भरपूर लाभ मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के गरीब बच्चों के करियर निर्माण के लिए जीविका दीदी नई तरह की कवायद शुरू की हैं, ताकि गांव के गरीब बच्चों को पढ़ाई और करियर संबंधी किसी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. आरा प्रखंड के छोटकी सनदिया में का यह पुस्तकालय लगभग 5 गांव के छोटे से बड़े छात्रों को लाभावांवित कर रहा है. इसके देखभाल की जिम्मेवारी विद्या जीविका को सौंपी गई है.

आरा के छोटकी सनदिया में जीविका सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केंद्र खोला गया है. परियोजना की ओर से पढ़ने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. 9वीं से 12वीं तक के 3 सरकारी विद्यालय के किताब से लेकर समाचार पत्रिका और प्रतियोगी पत्रिकाओं को उपलब्ध कराया गया है. सारी सुविधा बिल्कुल मुफ्त में दी जा रही. बस छात्रों को आधार और फ़ोटो देकर एक एडमिशन फॉर्म भरना होता है.

क्या है सुविधा
इस पुस्तकालय में पुस्तकें, समसामयिक पत्र-पत्रिकाएं भी उपलब्ध है. पढ़ाई के लिए कुर्सी और अन्य उपस्कर, स्वाध्याय कक्ष, कंप्यूटर एवं इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा डिजिटल मध्यम से पढ़ाई, वेबिनार से जुड़ने के लिए, आनलाइन फार्म भरने के साथ- साथ कई शिक्षण संस्थान से सीधे जुड़कर उसकी पढ़ाई करने की सुविधा भी है साथ ही इसमे वाईफाई के माध्यम से इंटरनेट सुविधा भी दिया गया है छात्र खुद का लैपटॉप ला कर इंटरनेट के माध्यम से भी पढ़ाई करते है.आने वाले समय मे जीविका के द्वारा 15 लैपटॉप सेट भी उपलब्ध कराया जायगा.

क्या कहती है छात्रा
छोटकी सनदिया गांव की रहने वाली बीकॉम की छात्रा नीतू कुमारी ने बताया कि सामुदायिक पुस्तकालय खुलने से छात्र-छात्राओं के बीच पठन-पाठन का माहौल हो गया है. इससे गांव में एक नए तरह का परिवेश बनना शुरू हो गया. हमलोग को पढ़ने का माहौल यहां मिल जाता है. तैयारी अच्छी हो रही है साथ ही जो किताब की जरूरत होती है वो भी यहां आराम से मिल जाता है. एक साथ गांव की 8-10 लड़की हमलोग आते है और पूरे दिन बैठ कर पढ़ते है.

विद्या दीदी को मिली जिम्मेदार
इस पुस्तकालय को तीन लाख की लागत से तैयार किया गया है. पुस्तकालय की देख भाल करने के लिए विद्या दीदी के पद पर एक महिला ज्योति कुमारी को रखा गया है. इनके ऊपर ही इस पुस्तकालय की जिम्मेदारी है. विद्या दीदी ने लोकल 18 को बताया कि आसपास के 5 गांव के छात्र-छत्राओं को जीविका पुस्तकालय का लाभ मिल रहा है. यहां पर 203 बच्चों का एडमिशन है. ज्यादातर कॉम्पटीशन की तैयारी करने वाले छात्र यहां आते हैं. सभी लोगों को जरूरत के हिसाब से हम किताब उपलब्ध करा देते हैं. उसका रजिस्टर भी मेंटेन करती हूं. यहां पर शौचालय और पेयजल की भी उत्तम सुविधा है. साथ ही एक सफाईकर्मी भी है बबिता देवी इस प्रकार दो महिलाओं को रोजगार भी पुस्तकालय से मिला है.

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