अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने यूजी अध्यादेश को संशोधित किया है, जो 12 सितंबर 2023 को आयोजित विद्या परिषद में पारित हुआ. 2021 में लखनऊ विश्वविद्यालय देश में पहली यूनिवर्सिटी बनी, जिसने एनईपी 2020 के दृष्टिकोण को ध्यान रखते हुए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (FYUP) की शुरुआत की.
इसमें हर साल प्रवेश और निकास के विकल्प उपलब्ध हैं, जबकि अधिकांश उच्च शिक्षा संस्थान अब भी FYUP की शुरुआत पर काम कर रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय ने छात्र व शिक्षकों की प्रतिक्रिया और दिसंबर 2022 में यूजीसी क्रेडिट और पाठ्यक्रम ढांचा के आधार पर अपने पाठ्यक्रम ढांचा को संशोधित कर लिया है.
कौशल विकास पर दिया ध्यान
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि संशोधित अध्यादेश में विश्वविद्यालय ने एक बार फिर छात्र छात्राओं को अधिक विकल्प प्रदान करने पर ध्यान दिया है, जो उनकी रुचि के विस्तार का विकल्प और करियर विकल्पों का परिचय भी देते हैं. नए पाठ्यक्रम और अध्यादेश में इस बात का ख्याल रखा गया है कि छात्र-छात्राओं के अंदर कौशल विकास पर जोर दिया जाए.
छात्र-छात्राओं को होगा फायदा
प्रवक्ता ने बताया कि उन छात्र-छात्राओं के लिए जो अपने चयनित मुख्य विषय में करियर के लिए कौशल विकास के लिए अधिक स्वतंत्रता चाहते हैं, इस अध्यादेश में यह विकल्प दिया गया है. सेमेस्टर 5 के छात्र छात्राओं को एक प्रमुख मुख्य विषय का चयन करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा. यह पहले 4 सेमेस्टरों में पढ़े गए दो मुख्य विषयओं में से एक होगा. इस चयन की स्वतंत्रता उन्हें 4 सेमेस्टर तक दो विषयों का अनुभव करने के बाद दी गई है.
कक्षा की शिक्षा तक नहीं रहेंगे सीमित
आगे बताया कि इस चयन के बाद उनको सेमेस्टर 5 में अपने प्रमुख मुख्य विषय में 4-6 सप्ताह की इंटर्नशिप या एक टर्म पेपर या माइनर प्रोजेक्ट करने का प्रावधान किया गया है. शैक्षिक क्षेत्रों में करियर बनाने के इच्छुक छात्र इंटर्नशिप की जगह टर्म पेपर या माइनर प्रोजेक्ट्स का चयन कर सकते हैं. इन मल्टीपल विकल्पों के साथ ही 160 क्रेडिट से क्रेडिट कमी करने से सीखना केवल कक्षा की शिक्षा तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कक्षा के बाहर छात्रों को अपने कौशलों को सुधारने पर प्रोत्साहित करेगा.
.
Tags: Education news, Local18, Lucknow news
FIRST PUBLISHED : September 14, 2023, 20:50 IST