लखनऊ43 मिनट पहले
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राजधानी लखनऊ में सोमवार को आयोजित हो रही भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत ने माहौल सरगर्म कर दिया। राज्य के तमाम हिस्सों से किसानों के आने का सिलसिला रविवार से ही शुरू हो गया था। ईको गार्डन में हो रहे इस आयोजन में यूं तो किसानों से जुड़े कई मुद्दों को उठाया जाएगा लेकिन मुख्य तौर से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और गन्ना किसानों के बकाया का मुद्दा छाया रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का आरोप है कि सरकार अपने वादे पूरा नहीं कर सकी है। मुफ्त में बिजली देने के ऐलान पर भी अमल नहीं हो सका है। किसान नेताओं का आरोप है कि एमएसपी गारंटी कानून को लेकर ढुलमुल नीति अपनाई जा रही है। जबकि 2011 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंप कर एमएसपी गारंटी लागू करने की मांग की थी।
साल 2024 के आम चुनाव से पहले लखनऊ में हो रहे इस किसान जमावड़े की ओर सत्ता और विपक्ष दोनों ही खेमों की निगाहें टिकी हैं। आपको बता दें कि दो साल पहले 22 नवंबर, 2021 में लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान महापंचायत बुलाई गई थी। तब एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग जोरशोर से उठी थी। हालांकि मुख्य मुद्दे के तौर पर छाया रहा था लखीमपुर खीरी हिंसा मामला। उस महापंचायत में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी की मांग को किसानों ने बुलंद किया था।