ग्वालियर. मध्य प्रदेश की ग्वालियर की जनपद पंचायत भितरवार में एक रोजगार सहायक ने भ्रष्टाचार के आलम को पार करते हुए अजब गजब करतूत कर डाली. करतूत भी ऐसी की जिंदा लोगों को मरा हुआ घोषित कर अंत्येष्टि और अनुग्रह सहायता राशि हड़प ली. यह पूरा मामला ग्राम पंचायत किठौन्दा का है. रोजगार सहायक भीकम सिंह पर गांव की ही उपसरपंच के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े का आरोप है. गांव के सरपंच खेम सिंह का आरोप है कि रोजगार सहायक भीकम सिंह ने अंत्येष्टि और अनुग्रह सहायता राशि हड़पने के लिए गांव में ही रहने वाले चार लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए.
फिर इसके जरिए अंत्येष्टि सहायता राशि 5-5 हजार तो वहीं दो लोग प्रीतम और रमेश के नाम की 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि स्वीकृत करवा दी, जबकि प्रीतम रमेश जिंदा है शातिर रोजगार सहायक ने जिन चार लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए, उनमें तीन लोग उपसरपंच सपना सिंह के परिवार के लोग ही हैं. इनके साथ सांठगांठ कर ये राशि हड़पी गई.
रमेश सिंह की 2 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि स्वीकृत कराई
प्रीतम सिंह (उपसरपंच के ससुर) की 2 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि स्वीकृत कराई
होतम सिंह(उपसरपंच का जेठ) 5 हजार रुपये अंत्योष्टि राशि
भारत सिंह(उपसरपंच का जेठ)5 हजार रुपये अंत्येष्टि राशि
इस भ्रष्टाचार की शिकायत गांव के सरपंच खेम सिंह ने जनपद पंचायत कार्यालय के साथ ही जिला पंचायत सीईओ से की है. सरपंच ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायक ने उनके और पंचायत सचिव वीरेंद्र राजोरिया के हस्ताक्षर बिना ही फर्जीवाड़ा कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए. अंत्येष्टि का फर्जी पंचनामा भी तैयार कर लिया गया. ऐसे में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग सरपंच खेम सिंह द्वारा की गई है. इस पूरे मामले पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार का कहना है कि मामला गंभीर है. जो दस्तावेज शिकायत पत्र के साथ दिए गए हैं उस आधार पर जांच दल गठित किया गया है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 17:19 IST