रेलवे सेफ्टी पर सुप्रीम सवाल, कवच पर कितना होगा खर्च, कैसे रोकेगा हादसे?

Railway Safety: रेल हादसों को रोकने के लिए रेलवे की सेफ्टी पैरामीटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से ट्रेन हादसे रोकने के लिए रेलवे की ओर से उठाए गए सेफ्टी पैरामीटर को लेकर सवाल किया. कोर्ट ने सरकार से ‘कवच’ के बारे में सवाल पूछे. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम कवच को देशभर में लागू करने पर आने वाले खर्च के बारे में सवाल किया. बालासोर हादसे के बाद से ही कवच सिस्टम को लेकर सवाल उठ रहे हैं. आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं कि ये कवच सिस्टम है क्या और कैसे रेल हादसे को रोकने में मददगार है. 

कवच सिस्टम पर सरकार से सवाल  

सुप्रीम कोर्ट उस याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसमें रेल हादसों को रोकने के लिए रेलवे एक्सीडेंट प्रोटेक्टिव उपायों को लागू करवाने के लिए सरकार को निर्देश देने की बात कही गई है. कवच सिस्टम को लागू करने की गाइडलाइन को लेकर याचिका में मांग की गई है. इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि रेलवे सुरक्षा के कौन-कौन से उपाय लागू किए हैं या लागू करने वाली है, उसके बारे में जानकारी दें. साथ ही ये भी बताए कि कवच सिस्टम को पूरे देश में लागू करने पर कितना खर्च आएगा, इसका आकलन करने की प्रक्रिया बताए.आपको बता दें कि ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे के बाद कवच सिस्टम पर कई सवाल उठे. 

क्या है कवच सिस्टम 
रेलवे का कवच सिस्टम एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है. इसे ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम कहते हैं, जिसमें ट्रेन के इंजन और पटरियों में लगे एक डिवाइस की मदद से ओवर स्पीड को नियंत्रित किया जाता है. कवच स्वदेशी एंटी प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे RDSO ने तीन वेंडर के साथ मिलकर साल 2002 में डिजाइन किया. साल 2022 के बजट में आत्मनिर्भर भारत के तहत भी कवच सिस्टम के लिए घोषणा की गई थी. इसके तहत रेल नेटवर्क को इससे लैस करने की बात कही गई थी.  

कैसे रोकता है रेल हादसे  

ओवर स्पीड की स्थिति में यह ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक्स को रिलीज कर उसकी रफ्तार को कम कर देता है. खराब मौसम या अधिक कोहरे की स्थिति में यह सिग्नल सिस्टम की मदद से लोको-पायलट को ट्रेन ऑपरेशन में मदद करता है. वहीं अगर एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें हो तो कवच सिग्नल सिस्टम की मदद ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक्स लगाकर ट्रेन को रोक देता है. इस तकनीक का मकसद दो ट्रेनों टक्कर को रोकना है. कवच सिस्टम एक लोको-पायलट को दूसरे लोको-पायलट से कम्यूनिकेशन में मदद करता है, जिससे ट्रेन की सही लोकेशन की डिटेल मिल पाती है. 

अब तक कितने रूट पर कवच

कवच सिस्टम पर अभी बहुत काम नहीं हो सका है. वर्तमान में कुछ चुनिंदा रूट्स पर ही कवच सिस्टम लगाए गए हैं. दक्षिण-मध्य रेलवे में यह 1098 किलोमीटर के रूट पर और 65 लोकोमोटिव में लगाया गया है. हाल ही में रेलवे  कवच सिस्टम का विस्तार 1500 किलोमीटर रेल मार्ग पर कर लिया. वहीं मुंबई-हावड़ा, दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर कवच सिस्टम के विस्तार का काम चल रहा है.  

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