बीजिंग: रूस-यूक्रेन युद्ध अब तक जारी है. वहीं दूसरी ओर चीन और ताइवान के बीच विवाद कभी भी युद्ध का रूप ले सकता है. एक थिंक टैंक की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से चीन जरा सा भी प्रभावित नहीं है. चीन, यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा करने से भी इनकार कर चुका है. ताइवान पर संभावित हमले के बारे में चीन की सोच अभी तक नहीं बदली है. यह रिपोर्ट इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) द्वारा शुक्रवार को जारी की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य खर्च और सैन्य क्षमताओं को विकसित करने के प्रयासों में तेजी ला सकता है.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की बढ़ती मुखरता को लेकर अमेरिका और पूरे क्षेत्र की चिंताएं हाल के वर्षों में बढ़ी हैं. क्योंकि बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में अपनी नौसेना, सैन्यीकृत द्वीपों का तेजी से विस्तार किया है. चीन ने दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा समझौते करने की कोशिश की और विवादित क्षेत्रीय दावों के इर्द-गिर्द बयानबाजी तेज कर दी. पिछले एक साल में बीजिंग ने ताइवान द्वीप के चारों ओर व्यापक सैन्य अभ्यास किया.
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चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान का अपना होने का दावा करती है. उसका कहना है कि यदि आवश्यक हुआ तो बलपूर्वक द्वीप को मुख्य भूमि के साथ एकजुट करेंगे. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ताइवान पर आक्रमण करने के लिए चीन का कोई समय है.’ अमेरिका को दिखाने के लिए भी चीन ताइवान पर हमला कर सकता है. क्योंकि अमेरिका और चीन के संबंध बिगड़ते जा रहे हैं. अमेरिका ने भी हाल के वर्षों में अपने क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी है.
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FIRST PUBLISHED : June 2, 2023, 16:18 IST