रूस के खिलाफ एक्शन में अमेरिका, लगाए 500 से ज्यादा प्रतिबंध; खतरे में वैश्विक अर्थव्यवस्था

रूस के खिलाफ एक्शन में अमेरिका, लगाए 500 से ज्यादा प्रतिबंध; खतरे में वैश्विक अर्थव्यवस्था

अमेरिका ने रूस के खिलाफ लगाए 500 से ज्यादा प्रतिबंध.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

रूस-यूक्रेन युद्ध को आज दो साल पूरे होने के बीच अमेरिका (US Ban Against Russia) ने बड़ा कदम उठाया है.ब्लूमबर्ग के मुताबिक, रूस के खिलाफ 500 प्रतिबंध अमेरिका ने लगाए हैं. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया. अमेरिका ने रूस के खिलाफ 500 से ज्यादा नए प्रतिबंधों की वजह रूस का यूक्रेन पर हमला और विपक्षी नेता नवलनी की मौत को माना जा रहा है. अमेरिका के इस कदम से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है. अमेरिका ने प्रतिबंधों के लिए 200 पन्नों की लिस्ट जारी की है. गौर करने वाली बात यह है कि इस लिस्ट से कंपनियां और मेटल सेक्टर, ज्यादा एनर्जी रिलेटेड पनिशमेंट और बैंकों रिलेटेड सेक्टर्स ने नाम गायब हैं. 

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रूस के खिलाफ 500 से ज्यादा प्रतिबंध

अमेरिका द्वारा बरती गई इस सावधानी से यह पता चलता है कि बाइडेन द्वारा प्रतिबंधों का ऐलान करने के बाद भी उनकी टीम अभी भी रेवेन्यू से पीछे जाने को तैयार नहीं है. विशेषज्ञों का तर्क है कि यह वास्तव में रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाएगा ही, साथ ही अमेरिका की अर्व्यवस्था को भी इससे झटका लग सकता है.  प्रतिबंधों में विदेशी बैंट भीशामिल हो सकते हैं, जो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में लिए टेक्नोलॉजी और मैटिरियल की खरीद में मदद करते हैं. साथ ही ये बैंक रूस की मदद यूरेनियम और एल्यूमीनियम और निकल जैसी धातुओं के व्यापार में भी करते हैं. अमेरिका संभावित रूप से जमी हुई रूसी  संपत्तियों को जब्त और बांट सकता है. 

पूर्व ट्रेजरी अधिकारी और अटलांटिक काउंसिल में आर्थिक स्टेटक्राफ्ट पहल के निदेशक किम डोनोवन ने कहा, “रूस को वास्तव में प्रभावित करने के लिए, हम और ज्यादा रणनीतिक कार्रवाई करने जा रहे हैं, जो व्यापक वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है.” “हमें और अधिक कठिन फैसले लेने शुरू करने होंगे और उन फैसलों से होने वाले प्रभाव को भी स्वीकार करना होगा.”

अमेरिका ने सिर्फ उन कंपनियों-सेक्टर्स पर लगाए प्रतिबंध

अमेरिकी की तरफ से  शुक्रवार जारी हुई लिस्ट उन लोगों और संस्थाओं के नामों से भरी हुई थी, जिन पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है या जिनके अमेरिकी फयनेंशियल सिस्टम से सीमित संबंध हैं, जिससे उनका प्रभाव कम हो गया है. इसमें उस जेल के वॉर्डन, जहां पुलिस के विरोधी एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई, साथ ही  फेडरल पेनिटेंटरी सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर भी शामिल थे. इसके अलावा एक रूसी जहाज निर्माता को भी निशाना बनाया गया,  जिसने 15 लिक्विफाइड नेचुरल गैस टैंकरों के उत्पादन में मदद की थी.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन के बहादुर लोग भविष्य की रक्षा और अपनी फ्रीडम के लिए लड़ते रहे हैं, वहीं नाटो भी अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूर और एकजुट हुआ है. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के समर्थन में रूस की आक्रमकता के लिए जवाबदेह ठहराना चाहते हैं. बता दें कि अमेरिका ने रूस के करीब 100 फर्मों पर सख्त बैन लगाया है. 

US के प्रतिबंधों पर क्या बोले रूस के अर्थशास्त्री

बता दें कि ​​रूसी अर्थव्यवस्था प्रतिबंधों के बावजूद लगातार आगे बढ़ रही है. ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स में रूस के अर्थशास्त्री अलेक्जेंडर इसाकोव ने एक नोट में लिखा, “नई घोषणाएं सिर्फ प्रतिबंध व्यवस्था को और सख्त करने का संकेत देती हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 में रूस की अर्थव्यवस्था करीब 1% से 1.5% तक बढ़ जाएगी.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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