रिदा जेहरा और रितिका ने मन की आंखों से सीखा गीता का ज्ञान, अब हर ओर सम्मान

विशाल भटनागर/मेरठ. भले ही दृष्टिबाधित बच्चे दुनिया के रूप-रंग से अंजान रहते हों, लेकिन मन की आंखों से वह हर दर्शन प्राप्त कर सकते हैं. मेरठ की इन दो बेटियों को देखने के बाद आप भी इस बात पर यकीन करेंगे. लोहिया नगर स्थित बृजमोहन स्कूल फॉर द ब्लाइंड में दो छात्राएं 70% ब्लाइंड होने के बावजूद गीता के श्लोक को इस तरह सुनाती हैं, मानों जैसे उसके सामने गीता की पुस्तक खुली रखी हो.

ब्लाइंड स्कूल के शिक्षक बच्चों को प्रतिदिन गीता के श्लोक सुनाते हैं और उन्हें याद कराते हैं. इसके लिए वह खुद पहले गीता के विभिन्न श्लोक को पढ़ते हैं. वहीं, जो ब्लाइंड स्टूडेंट होते हैं, शिक्षकों के पीछे श्लोकों को दोहराते हैं. खास बात ये कि इन दो छात्राओं की जोड़ी में एक छात्रा मुस्लिम है, जिसका नाम रिदा जेहरा है. रिदा ने पहले इसका अध्ययन किया. अब वह विभिन्न मंचों पर गीता के श्लोक को सुनाती है.

वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा रिदा जेहरा को भी सम्मानित किया गया है. यह सम्मान का सिलसिला अब भी जारी है. महाराष्ट्र सरकार, हरियाणा सरकार सहित विभिन्न राज्यों की सरकार द्वारा मेरठ की बेटी को सम्मानित किया जा चुका है. इसी तरह का सम्मान रितिका को भी मिल रहा है. उन्हें भी तमाम राज्यों की सरकारों द्वारा सम्मान मिल चुका है.

भविष्य को संवारने की आस
70% तक ब्लाइंड होने के कारण रिदा के जीवन में अंधेरा छाया हुआ था. उसके बाद उनके माता-पिता द्वारा ब्लाइंड स्कूल में उनका एडमिशन करा दिया गया. इसके बाद उनके भविष्य को संवारने के लिए इस स्कूल के शिक्षक लगे हुए हैं. रिदा कहती हैं कि गीता का अगर कोई अच्छे से अध्ययन करेगा तो वह अपने जीवन के लक्ष्य को समझ पाएगा. क्योंकि गीता में जिन बातों का वर्णन किया गया है, उसमें धर्म, जाति सहित किसी भी प्रश्न का उत्तर है. सभी को आपसी भाईचारे का संकेत मिलता है.

सीएम योगी ने किया था सम्मानित
बताते चलें कि रिदा जेहरा के साथ विभिन्न मंचों पर उनके साथ उनकी कक्षा की ही सहपाठी छात्रा रितिका साथ देती हैं, जो खुद भी 70% तक ब्लाइंड हैं. रितिका को मुख्यमंत्री योगी द्वारा भी सम्मानित किया गया था. ब्लाइंड बच्चों को गीता का पाठ और कंप्यूटर की शिक्षा अध्ययन करने वाले शिक्षक वैभव शर्मा ने बताया कि ब्लाइंड स्कूल में पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट को हर प्रकार की सुविधा नि:शुल्क माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है, क्योंकि यह चैरिटेबल संस्था द्वारा संचालित किया जाता है.

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