राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2023: क्यों पड़ते हैं मिर्गी के दौरे? तंत्र-मंत्र का सहारा न लें; जानें क्या कहते हैं चिकित्सक

National Epilepsy Day 2023 Do not resort to Tantra-Mantra Know what doctors say

मिर्गी
– फोटो : istock

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National Epilepsy Day 2023: मिर्गी का दौरा पड़ा तो जूता-प्याज सुंघा दिया। बार-बार ऐसा होने लगा तो ऊपरी चक्कर समझ तंत्र-मंत्र का सहारा भी लिया। इससे मर्ज बिगड़ गया और मरीज की जान पर बन आई। विशेषज्ञ बताते हैं कि मिर्गी के 28 फीसदी मरीज अभी भी तंत्र-मंत्र के बाद ही डॉक्टरों के पास इलाज के लिए पहुंचते हैं।

एसएन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ न्यूरो फिजीशियन डॉ. पीके माहेश्वरी ने बताया कि ओपीडी में मिर्गी के 30-35 मरीज रोज आ रहे हैं। इनमें बच्चों से लेकर 80 साल तक के मरीज हैं। सबसे ज्यादा 15-35 साल के 60 फीसदी मरीज हैं। इनमें से 10-12 मरीज के परिजन ऊपरी चक्कर मानकर तांत्रिक और नीम-हकीमों से इलाज कराते हैं। दरअसल, ये ऊपरी चक्कर नहीं है। दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर प्रभावित हो जाने से मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। ऐसे मरीजों का अमूमन 3 से 5 साल तक इलाज चलता है। पूरा कोर्स करने के बाद 90 फीसदी की परेशानी ठीक हो रही है। 3-4 फीसदी मरीजों में सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है।

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दुर्घटनाओं के कारण भी बढ़ रहे मरीज

वरिष्ठ न्यूरो फिजीशियन डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने बताया कि मिर्गी की वजह ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हेमरेज, सिर में चोट, संक्रमण, लकवा, आनुवांशिक विकृतियां हैं। लेकिन अब सड़क हादसों से भी मिर्गी के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। सड़क हादसों के कारण 3-4 फीसदी मरीज मिल रहे हैं। इनमें युवाओं की संख्या करीब 85 फीसदी है। मिर्गी का दौरा 2-3 मिनट तक रहता है। इसके बाद मरीज सामान्य हो जाता है। इसके बाद चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए।

इन बातों का रखें ख्याल:

– इलाज कराने वाले वाहन चलाने और तैरने से बचें।

– देर रात तक जागने वाली नौकरी नहीं करें। आठ घंटे की नींद जरूर लें।

– आग और पानी से बचें। घर में नुकीला सामान न रखें।

– खाली पेट न रहें। मरीज को जूता और मौजा, प्याज न सुघाएं।

– दांत भींचने पर मरीज के साथ जोर-जबरदस्ती न करें।

– दौरा आने पर मरीज को घेरकर नहीं खड़े हों।

– मरीज को करवट के बल लिटा दें। मुंह में अंगुली-चम्मच नहीं दें।

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