US President Candidate Vivek Ramaswamy Revealed Agenda: अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव की दौड़ तेज हो गई है। इस चुनाव में भारतवंशी विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बनने की रेस में हैं। इससे पहले उन्होंने अपना चुनावी एजेंडे का खुलासा कर दिया है। उन्होंने व्हाइट हाउस में पहुंचने पर संघीय सरकार को छोटा करने के लिए एक व्यापक एजेंडे की रूपरेखा तैयार की है। कहा कि अगर राष्ट्रपति बना तो एफबीआई को बंद कर दूंगा। 75 फीसदी कर्मचारियों को निकाल दूंगा। उनके इस बयान पर अमेरिका में खलबली मच गई है।
इन विभागों को बंद करने का किया ऐलान
विवेक रामास्वामी ने यह दावा वाशिंगटन में अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट में बोलते हुए किया। एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रामास्वामी के प्रस्ताव में पांच संघीय एजेंसियों, विशेष रूप से एफबीआई और शिक्षा विभाग को बंद करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, उनका इरादा परमाणु नियामक आयोग, शराब, तंबाकू, ब्यूरो ऑफ आर्म्स एंड एक्सप्लेसिव, न्यूक्लियर रेग्युलेटरी कमीशन और खाद्य और पोषण सेवा विभाग को खत्म करने का है।
We will fire 1 million federal employees in 2025. Meanwhile, there are over 8 million job openings in America right now. pic.twitter.com/tDqMEHvi07
— Vivek Ramaswamy (@VivekGRamaswamy) September 14, 2023
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15000 लोगों को देंगे नई नौकरी
रामास्वामी ने 20,000 कर्मचारियों को गैर-जरूरी भूमिकाओं से हटाने और 15,000 को विभिन्न संघीय विभागों में फिर से नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने तर्क दिया कि नौकरशाही अक्सर ऐसे काम करती है जो उसे नहीं करने चाहिए, उन्होंने दावा किया कि इन कर्मचारियों के पास अपने निर्धारित क्षेत्रों में विशेषज्ञता का अभाव है।
रामास्वामी ने कहा कि निर्वाचित अधिकारियों को ही वास्तव में सरकार का प्रबंधन करना चाहिए। जिन लोगों को हम सरकार चलाने के लिए चुनते हैं, उन्हें वास्तव में सरकार चलाने वाले होने चाहिए।
विदेश नीति का भी किया खुलासा
रामास्वामी ने विदेश नीति का भी खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका को चीन की गोद में जाने से रोकने के लिए रूस के साथ एक सौदा करना चाहिए। क्रेमलिन को बीजिंग की गोद में न जाने देने के लिए रामास्वामी ने रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा नियंत्रण रेखाओं को फ्रीज करने और एक दृढ़ प्रतिबद्धता देने का सुझाव दिया कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा।
ट्रम्प के खिलाफ चलने के बावजूद रामास्वामी ने बार-बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रशंसा की है। रामास्वामी ने यह भी संकेत दिया है कि अगर ट्रम्प राष्ट्रपति का चुनाव लड़ते हैं तो वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
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