राम मंदिर: ‘भैंसों के तबेले में रात गुजारी, बाजू पर खाई लाठी…’ कार सेवल ने बताया कि 32 साल पहले अयोध्या में क्या हुआ था?

यमुनानगर. भव्य श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रहा है. देशभर में खुशी का माहौल है. जश्न मनाए जा रहे हैं और शोभा यात्राएं निकाली जा रही हैं. लेकिन अगर अतीत के पन्ने पलटकर देखा जाए तो संघर्ष की ऐसी कहानियां सामने आती हैं, जिसे जानकर आत्मा तक सिहर उठती है. यह राह कितनी कठिन और कष्टदायक थी, इसका एहसास केवल उसी को हो सकता है जो स्वयं इस राह पर चला हो.

हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी ऐसे ही लोगों में से एक है. उन्होंने एक विशेष मुलाकात में अपनी आप बीती सुनते हुए कहा कि जब उनकी उम्र 30 वर्ष थी, तब वह एक साधारण से दुकानदार हुआ करते थे. एक दिन उन्होंने साध्वी ऋतंभरा का भाषण सुन लिया और इस कदर प्रभावित हो गए की कार सेवा के लिए घर से अयोध्या के लिए निकल पड़े.

अंबाला से चले थे 51 कार सेवक, अयोध्या पहुंचे 11

कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि फार्म भरने के बाद वह यमुनानगर से अंबाला और वहां से 51 लोगों की एक वाहिनी में शामिल होकर कानपुर पहुंचे, मगर वहां पुलिस ने कार सेवकों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन वह अपने 16 कार सेवक साथियों के साथ मौके से दौड़ गए और किसी तरह लखनऊ पहुंचे. अगले दिन फिर से ट्रेन में बैठ गए, लेकिन पुलिस का पहरा बहुत सख्त था और पुलिस ने सभी कार सेवकों को ट्रेन से नीचे उतार दिया. जैसे ही ट्रेन चली सभी 16 कार सेवक फिर से भागकर ट्रेन में चढ़ गए. इस दौरान 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया.

पुलिस लाइटों और कैमरों से ढूंढती थी कार सेवकों कोः शिक्षा मंत्री कंवर पाल

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर अपने कुल ग्यारह कार सेवक साथियों के साथ ट्रेन में सवार होकर अयोध्या की तरफ बढ़ते जा रहे थे, मगर उनके अलावा ट्रेन में देश के विभिन्न इलाकों से आए करीब 250 अन्य कार सेवक भी अयोध्या जा रहे थे. इसी दौरान किसी ने ट्रेन की चेन खींच दी और सभी को ट्रेन से उतरना पड़ा. अब सर्दी की ठिठुरती रात में बिना गर्म कपड़ों के जंगलों के ऊबड़ खाबड़ रास्तों पर कंवरपाल और उनके कार सेवक साथी करीब 60 से 100 किलोमीटर तक पैदल चले. कंवरपाल ने बताया कि तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हुए थे, जिसके चलते पुलिस चप्पे चप्पे पर कैमरों पर सर्च लाइटों से नजर बनाए हुए थी.

गांव वालों ने रखा था कार सेवकों के खाने पीने का ख्याल

शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि उस समय कुछ गांवों में लोगों ने कार सेवकों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की हुई थी जो दूर दराज से आने वाले भूखे प्यासे कार सेवकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी. मगर इसके बाद सरयू के किनारे पुलिस ने चारों तरफ से कार सेवकों को घेर लिया. गिरफ्तारी लगभग तय मानी जा रही थी, मगर बुजुर्ग कार सेवकों की सूझ बूझ से नौजवान कार सेवकों को भागने का मौका मिल गया. वह भी अपने साथियों के साथ पुलिस की नजरों से ओझल हो गए और बुजुर्गों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

राम मंदिर: 'भैंसों के तबेले में रात गुजारी, बाजू पर खाई लाठी...' कार सेवल ने बताया कि 32 साल पहले अयोध्या में क्या हुआ था?

भैंसों के तबेले में रात बिताई, भैंसों की बाल्टी में चावल पकाकर खाए

किसी तरह छिपते छिपाते कंवरपाल के साथ सभी कार सेवकों ने  भैंसों के एक तबेले में शरण ली और वही रात गुजारी. जिस बाल्टी में भैंसों को पानी पिलाया जाता था उसमें चावल और नमक डालकर पकाया गया और उसी को खाकर भूख को शांत किया गया. अगले दिन सुबह 4 बजे कंवरपाल गुर्जर अपने साथियों के साथ अयोध्या पहुंच गए. मगर उस वक्त भी पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी. भीड़ ज्यादा होने पर पुलिस द्वारा फायरिंग भी की गई और लाठी चार्ज भी किया गया जिसमें बहुत कार सेवकों को गंभीर चोटें आई. उस समय कंवरपाल गुर्जर ने वह जगह भी देखी जहां कोठारी बंधुओं को गोली मारी गई थी.

पुलिस की लाठी कई दिनों तक अयोध्या की याद दिलाती रही

कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि जिस वक्त वह सरयू में हाथ डालकर भावुक हो रहे थे. उस समय पुलिस वाले ने उनकी बाजू पर लाठी मारी, जो कई दिनों तक दर्द से अकड़ी रही और उन्हें अयोध्या की याद दिलाती रही. इसके बाद 1992 में हुई कार सेवा में भी वह शामिल हुए और जो लोग गुंबद के ऊपर चढ़े थे वह उनसे महज 10 फीट की दूरी पर खड़े थे. जबकि कार्यकारिणी ने कहा था कि कोई भी कानून व्यवस्था को अपने हाथों में नहीं लगा और प्रतीकात्मक कार सेवा की जाएगी. मगर वह नौजवान भाषण के दौरान ही दौड़ पड़े और वह इतने ट्रेंड थे कि वह सभी बैरिकेड, तारे आदि फांदते हुए 10 मिनट के भीतर ही गुंबदों के ऊपर चढ़ गए. दो गुंबद टूट गए, लेकिन तीसरा काफी मुश्किल से गिरा. जब वह गिरा काफी संख्या में कार सेवक मौके पर पहुंच गए थे और गुंबद गिरने से उन्हें चोटें भी आईं.

अयोध्या जायेंगे शिक्षा मंत्री कंवर पाल

शिक्षा मंत्री से जब पूछा गया की क्या वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने जा रहे है ? तो उन्होंने जवाब दिया कि 22 जनवरी को काफी भीड़ हो जाएगी, इस लिहाज से 22 जनवरी के बाद वह दर्शनों के लिए अयोध्या जाएंगे.

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