सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : 8 मार्च यानि कल महाशविरात्रि है. अयोध्या सहित पूरे भारत में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं, मंदिर जाकर भगवान शिव को फल-फूल अर्पित करते हैं और शिवलिंग पर दूध व जल अर्पित करते हैं. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली महाशविरात्रि है. इस कारण अयोध्या में भी पर्व को बड़े स्तर पर मनाया जाएगा. राम जन्मभूमि परिसर में स्थित कुबेर टीला पर अति प्राचीन शिव मंदिर है. जहां 2005 के बाद पहली बार धूमधाम से महाशविरात्रि के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के बाद अभिषेक किया जाएगा. रामलला खुद कुबेर टीला के पास भगवान शिव के मंदिर जाएंगे. जहां पर रामलला भोलेनाथ के दर्शन करेंगें.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली महाशविरात्रि है.राम मंदिर परिसर में कुबेर टीला के पास बहुत प्राचीन भगवान शंकर का मंदिर है. 2005 में अयोध्या में आतंकी हमले के बाद वहां पर पूजा आराधना बंद हो गई थी. लेकिन जब से सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया तब से कुबेर टीले पर स्थित भगवान शंकर के मंदिर में विशेष पर्व और उत्सव पर वहां भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. कल महाशविरात्रि पर रामलला की चल प्रतिमा को भगवान शंकर के मंदिर तक ले जाया जाएगा.
2005 में लगी थी रोक
राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम मंदिर परिसर में कुबेर टीला पर भगवान शंकर का एक स्थान था जहां हर वर्ष महाशिवरात्रि के दिन धूमधाम से आयोजन किया जाता था. एक भव्य मेला लगता था. इस दिन देर शाम को शिव बारात भी निकलती थी. साल 2002 के बाद इस बारात की परंपरा पर रोक लगा दी गई. 2005 में आतंकी घटना के बाद उस स्थान पर दर्शन-पूजन और मेले का आयोजन पर रोक लगा दी गई थी.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 22:28 IST