‘राम पर विश्वास नहीं’, DMK नेता ए राजा के बयान पर आगबबूला हुई BJP, INDI गठबंधन पर किया वार

भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को दावा किया कि द्रमुक सांसद ए राजा ने हाल के “घृणास्पद भाषण” में भगवान राम का उपहास किया और भारत के विचार पर सवाल उठाया। भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर कथित भाषण पोस्ट किया और कहा कि विवादास्पद सांसद ने “भारत के विभाजन” का आह्वान किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विवादास्पद ‘सनातन धर्म’ टिप्पणी पर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणी करने के एक दिन बाद ताजा विवाद शुरू हो गया। 

मालवीय ने लिखा कि द्रमुक के गुट से नफरत भरे भाषण लगातार जारी हैं। उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को नष्ट करने के आह्वान के बाद, अब यह ए राजा है जो भारत के विभाजन का आह्वान करते है, भगवान राम का उपहास करते है, मणिपुरियों पर अपमानजनक टिप्पणियाँ करते है और एक राष्ट्र के रूप में भारत के विचार पर सवाल उठाते है। अमित मालवीय ने भाषण का वीडियो तमिल में पोस्ट किया। उन्होंने कथित टिप्पणियों का अंग्रेजी अनुवाद भी साझा किया। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने विवादित बयान देते हुए कहा, ”भारत कभी एक राष्ट्र था ही नहीं। भारत एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक उपमहाद्वीप है।” उन्होंने कहा कि मुझे रामायण और भगवान राम पर विश्वास नहीं है। ए राजा ने भगवान हनुमान की तुलना बंदर से करते हुए ‘जय श्री राम’ के नारे को घृणास्पद बताया। ‘जय श्री राम’ और भारत के विचार पर डीएमके नेता ए राजा की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये वे लोग हैं जो हिंदी को गाली देते हैं, भारत को खत्म करने की बात करते हैं, ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग का समर्थन करते हैं और अपने नेता के राज्यसभा चुनाव जीतने पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हैं। 

उन्होंने कहा कि ये वे लोग हैं जो भारतीय संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं।’ उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन तो बना लिया लेकिन उनका अहंकार सामने आ रहा है। ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्हें एक नहीं बल्कि कई बार ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने पड़े और ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग का समर्थन करना पड़ा। भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के लोग दिखावे के लिए मंदिर जाते हैं और भारतीय आस्था, हमारे संस्कारों का अपमान करते हैं। ये INDI गठबंधन के लोग या तो भारत की आस्था, संस्कार, संस्कृति और सनातन के अपमान पर चुप रहते हैं, या मौन स्वीकृति देते हुए बोलने की हिम्मत नहीं कर पाते। क्योंकि इन्हें केवल चुनाव जीतना है।



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