हाइलाइट्स
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए RSS चीफ मोहन भागवत को निमंत्रण.
उत्तर प्रदेश सरकार का 22 जनवरी को सभी स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी का फैसला.
22 जनवरी को गोवा सरकार ने भी सरकारी छुट्टी का ऐलान किया.
नई दिल्ली. 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर (Ram mandir) में होने वाले भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Praan Pratishtha) समारोह के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा और विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को निमंत्रित किया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की सरकार ने 22 जनवरी को सभी स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी घोषित करने का फैसला किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि श्री अयोध्या धाम में श्रीरामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपूर्ण राष्ट्र के लिए ‘राष्ट्रीय उत्सव’ है. शताब्दियों की प्रतीक्षा के पश्चात यह शुभ बेला आई है. इस उपलक्ष्य में सभी सरकारी भवनों को दिव्य स्वरूप में सजाया जाए.
इस शुभ अवसर पर आगामी 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को गोवा सरकार ने भी सरकारी छुट्टी का ऐलान किया. 22 जनवरी को गोवा में सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी रहेगी. वहीं श्री राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित होने वाला 2100 किलोग्राम का अष्टधातु से बना घण्टा ट्रस्ट को सौंप दिया गया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि सभी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं.
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अस्वीकार किए जाने की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह उनकी भगवान राम के प्रति आस्था की कमी को दिखाता है. पटना में भाजपा के राज्य मुख्यालय में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के संचार नेटवर्क को मजबूत करने के लिए आयोजित एक मीडिया कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए ईरानी ने यह टिप्पणी की.
ईरानी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि सोनिया गांधी ने 22 जनवरी के समारोह का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. हम उनसे इससे कुछ अलग की क्या उम्मीद कर सकते हैं. उनकी राम में आस्था नहीं है ये उन्होंने प्रमाणित किया. स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में एक ऐसा नेता है जो लोकतंत्र के मंदिर और राम के मंदिर के लिए समान रूप से समर्पित है.’
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 23:00 IST