रामलला को देख फूट-फूटकर रोने लगा था संत, 24 साल बाद अयोध्या में तोड़ेगा प्रण

धीरज कुमार/मधेपुरा. ‘राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं, जिन पर कृपा राम करें वो पत्थर भी तिर जाते हैं…’ ऐसा ही कुछ बिहार के किशनगंज जिले के खगड़ा के रहने वाले देबू दा ने आज से 24 वर्ष पहले किया था. देबू दा राष्ट्रवादी राम भक्त हैं. आज से 24 वर्ष पहले वे भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या दर्शन को गए थे. वहां उन्होंने रामलला को टेंट में विराजमान देखा. यह देखकर वह भावुक हो गए. इसके बाद वहीं उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि जबतक रामलला अपने मंदिर में निवास नहीं करेंगे, खुद भी चप्पल नहीं पहनेंगे. आज जब अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बन गया है, तो वे खासे प्रसन्न हैं.

बिना चप्पल के भी रहते हैं निरोग
पिछले 24 साल से देबू दा बिना चप्पल के घूमते हैं. खाली पांव चलने में उन्हें परेशानी तो होती है, पांव में सड़क पर कंकड़ भी चुभ जाते हैं, बावजूद वे निरोग रहते हैं. वे पूरी तरह से तंदुरुस्त हैं. वे बताते हैं उन्हें अभी तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण तो नहीं आया है. 22 जनवरी के बाद संभवतः संघ की ओर जल्द बुलावा आएगा. तब वे भगवान श्रीराम का दर्शन करने जाएंगे. इसके बाद ही चप्पल‌ पहनेंगे.

सीमांचल में देबू दा कलयुगी हनुमान के नाम से मशहूर हैं. वे अबतक 2000 से अधिक लोगों का दाह संस्कार कर चुके हैं. 4000 पौधे लगाने के अलावा 40 बार रक्तदान भी कर चुके हैं.

रामलला को टेंट में देख लगे थे रोने
लोकल 18 बिहार से बातचीत के दौरान देबू दा ने बताया कि 24 वर्ष पहले वह अयोध्या गए हुए थे. वहां रामलला को टेंट में देखकर वह फूट-फूट कर रोने लगे. इसके बाद साथी सहयोगियों ने उन्हें समझाया. तभी उन्होंने प्रण लिया कि जबतक रामलला अपने घर में विराजमान नहीं हो जाते, तबतक वे पांव में चप्पल‌ नहीं पहनेंगे. बस तब से ये प्रतिज्ञा शुरू हुई, जो अब 22 जनवरी को पूरी होने जा रही है.

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अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा, फिर देबू दा अपना प्रण पूरा करेंगे‌. मालूम हो कि देबू दा 40 वर्षों से लगातार समाज सेवा में सक्रिय है. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ताल्लुक रखते हैं.

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