राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. अयोध्या में होने वाले इस भव्य समारोह में सात हजार से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया है.
धवलीकर ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मंदिर परिसर की सजावट का लगभग 85-90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. सजावट में भारत के विभिन्न हिस्सों से लाए गए तीन हजार किलोग्राम से अधिक विभिन्न प्रकार के फूलों का उपयोग किया गया है.”
उन्होंने कहा कि सजावट में इस्तेमाल किए गए फूलों की किस्मों में गुलदाउदी, जरबेरा, आर्किड और एंथुरियम और लिलियम जैसे विदेशी फूल भी शामिल हैं. धवलीकर ने कहा कि अलग-अलग किस्म और रंगों के यह फूल चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, लखनऊ और दिल्ली से लाए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘जब मेहमान मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे तो न केवल उनका स्वागत मंदिर की वास्तुकला और दृश्य प्रतिभा तथा इसकी सौंदर्यात्मक सजावट से किया जाएगा, बल्कि फूलों की खुशबू मेहमानों के मन को मोह लेगी.”
यह पूछे जाने पर कि नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह की सजावट के लिए किस तरह के फूलों का उपयोग किया जाएगा, उन्होंने कहा कि चेन्नई से लाए गए सुगंधित फूलों का उपयोग ‘गर्भ गृह’ और रामलला की नई मूर्ति की सजावट के लिए किया जाएगा. धवलीकर ने बताया कि गर्भगृह की सजावट के लिए गुलाब, चमेली जैसे फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सजावट 18 जनवरी को शुरू हुई और लगभग 200 कर्मचारी इस काम में लगे हैं.
राम मंदिर को फूलों से सजाए जाने की तस्वीरें शनिवार रात मंदिर न्यास द्वारा साझा की गईं. मंदिर को ‘दीया’ के डिजाइन के साथ विशेष रोशनी की श्रृंखला से भी सजाया गया है.
धवलीकर ने कहा, ‘‘ये फूल विशेष हैं और मौसम सर्द होने के कारण लंबे समय तक ताजा रह सकते हैं. इसलिए ये फूल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन भी ताजा रहेंगे.”
फूलों की सजावट और रोशनी की व्यवस्था के लिए अलग-अलग टीम बनाई गईं है और वे सभी न्यास के अधिकारियों के मार्गदर्शन में मिलकर काम कर रही हैं. एक सूत्र ने बताया, ‘‘गर्भगृह के अंदर पारंपरिक दीये का इस्तेमाल किया जाएगा.” मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की नयी 51 इंच की मूर्ति को पिछले बृहस्पतिवार की दोपहर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रखा गया.