![रामनगरी पहुंचा 400 किलो का ताला: 30 किलो की चाबी... जानें छह फीट लंबे और ढाई फीट चौड़े इस ताले की खाशियत 400 kg lock and 30 kg key prepared in Aligarh reached Ayodhya](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/06/sataya-parakasha-sharama-oura-unaka-patana-rakama-nae-cara-sa-kal-vajana-tal-ka-satha_1691342977.jpeg?w=414&dpr=1.0)
सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणि चार सौ किलो वजनी ताले के साथ
– फोटो : अमर उजाला
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अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उल्लास है। देश के कोने-कोने से लोग आराध्य के लिए भेंट भेज रहे हैं। शनिवार को कारसेवकपुरम में अलीगढ़ से भेजा गया ताला और चाबी पहुंचा। ताले का वजन 400 किलो तो चाबी का भार 30 किलो है। इसे अलीगढ़ में ज्वालापुरी की गली नंबर पांच में तैयार किया गया है। इस ताले यहां के रहने वाले ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुकमणी शर्मा ने बनाया है।
बताया गया कि इस ताले की लंबाई छह फीट दो इंच और चौड़ाई दो फीट साढ़े नौ इंच है। इसे बनाने में 65 किलोग्राम पीतल लगा है। इसकी चाबी तीन फिट चार इंच लंबी है। इसको बनाने में छह महीने लगे। इसे विश्व का सबसे बड़ा ताला बताया जा रहा है। इसे बनाने के बाद कारीगरों ने महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारतीपुरी महाराज को अयोध्या में भेंट करने के लिए सौंपा था। वे इसे लेकर अयोध्या धाम आए हैं।
यूपीएसएसएफ की अभेद्य और अचूक सुरक्षा कवच में श्रीराम मंदिर
बताते चलें कि 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसके मद्देनजर श्रीराम मंदिर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। एनएसजी से प्रशिक्षित यूपीएसएसएफ की महिला और पुरुष कमांडो को तैनात किया गया है। पूरे परिसर को अभेद्य और अचूक सुरक्षा कवच के बीच कर दिया गया है।