रातों-रात करोड़पति बना सकती है ये तितली, खासियत जान हो जाएंगे हैरान

शिखा श्रेया/रांची. तसर के बाद मलबेरी सिल्क ऐसी है जो झारखंड में सबसे ज्यादा प्रोड्यूस किया जाता है. इसकी क्वालिटी इतनी फाइन होती है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी जी भी इसके फैन हैं. इस सिल्क की बनी हुई कोटी बड़े-बड़े नेता से लेकर अभिनेता तक पहनते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह सिल्क बनकर कैसे तैयार होती है. इसे तैयार करने में एक तितली की भी अहम भूमिका होती है.

दरअसल, मलबेरी सिल्क एक कीड़े से तैयार होती है, जो कीड़ा आगे चलकर खूबसूरत तितली का आकार ले लेता है. इसे मूलबेरी तितली भी कहते हैं, जो अर्जुन के पेड़ में होती है. अर्जुन के पेड़ आमतौर पर झारखंड में आपको रोड के किनारे आसानी से दिख जायेंगे. यह कीड़ा भी इसी पेड़ में पनपता है. मलबेरी सिल्क के लिए किसान इस कीड़े को घर पर ही अर्जुन के पेड़ में पालने का काम करते हैं.

ऐसे तैयार होती है मलबेरी सिल्क
रांची के मोरबादी मैदान में चल रहे खादी मेले में मलबेरी सिल्क के स्टॉल लगाए संजय बताते हैं कि मलबेरी सिल्क मलबेरी कीड़े के द्वारा तैयार की जाती है. सबसे पहले अर्जुन के पेड़ में यह कीड़ा होता है. इसका जीवन 6 महीने का ही होता है और फिर यह 6 महीने के लिए सो जाती है. सोने के लिए यह एक कुकुन तैयार करती है और हम उस कुकुन को तोड़ते हैं और उसे धूप में सुखाते हैं, धूप में सूखने के क्रम में वह कीड़ा मर जाता है. अगर कीड़ा जिंदा रहे तो आगे चलकर वह तितली बन जाता है.

उन्होंने आगे बताया कि धूप में सूखने के बाद उस कुकुन में एक छोटा सा छेद किया जाता है. जिसके द्वारा पतला धागा निकलता है. दिखने में तो यह बड़ा पतला होता है, लेकिन यह काफी मजबूत और टिकाऊ होता है. एक कुकुन में 10 किलोमीटर तक धागा निकल जाता है. इसे ही मलबेरी सिल्क कहते हैं. फिर मशीन के जरिए चार-पांच धागों को मिलाकर एक धागा तैयार किया जाता है, क्योंकि एक धागा इतना पतला होता है कि उससे कुछ भी बनना नामुमकिन होता है.

सिल्क से होती है बंपर कमाई
संजय बताते हैं कि मलबेरी सिल्क काफी महंगी आती है. अगर इसकी एक साड़ी की बात की जाए तो एक साड़ी बन कर तैयार करने में कम से कम 4 से 5 दिन का वक्त लगता है. एक साड़ी की कीमत 30 से 40 हजार तक होती है. इसके अलावा इस सिल्क से कोटी, कुर्ता पजामा जैसी चीजें बनती हैं, जो खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहन चुके हैं. मोदी जी की कोटी की कीमत 35 से 40 हज़ार तक होती है.

उन्होंने आगे बताया कि यह सिल्क काफी महंगी आती हैं, इसलिए इसकी खेती करना भी काफी फायदेमंद होता है. किसान हर महीने लाखों की कमाई करते हैं. खास तौर पर दिल्ली में लगे एक्सपो या फिर देश के अलग-अलग कोने में लगे एक्सपो में यहां के सिल्क की प्रदर्शनी होती है. वहां इसकी बिक्री अधिक देखी जाती है, एक-एक साड़ी एक-एक लाख की बिकती है. इसीलिए इसे आम भाषा में करोड़पति बनाने वाला सिल्क भी कहते हैं.

Tags: Jharkhand news, Latest hindi news, Local18, Ranchi news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *