राज्यसभा चुनाव: एनडीए का मिथिलांचल कार्ड तो महागठबंधन ने कोसी में चला दांव!

हाइलाइट्स

एनडीए ने राज्यसभा चुनाव में खेल दिया मिथिलांचल कार्ड.
आखिर क्यों बिहार एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है मिथिलांचल?
महागठबंधन का कोसी दांव, एनडीए को पछाड़ने की कोशिश.

पटना. राज्यसभा चुनाव में एनडीए हो या महागठबंधन ने जब अपने उम्मीदवारों की घोषणा की और जो चेहरे सामने आए उसने बिहार के राजनीतिक पंडितों को चौका दिया. दरअसल, इन चेहरों में एक बात कॉमन यह कि सभी दलों ने मिथिलांचल को फोकस किया. इसके साथ ही सवाल उठने लगे कि आखिर इसकी वजह क्या है? संजय झा जदयू उम्मीदवार और बीजेपी कैंडिडेट धर्मशीला गुप्ता, दोनों मिथिलांचल से आते हैं. वहीं, कुछ दिन पहले ही हरि सहनी विधान परिषद में नेता विधायक दल बनाए गए हैं, वह भी मिथिलांचल से ही आते हैं.

बीजेपी और जेडीयू के नेता तर्क देते हैं कि ये एनडीए का मजबूत किला रहा है, इस वजह से एनडीए ने ये फैसला लिया है. मदन सहनी, जदयू के वरिष्ठ नेता हैं जो मिथिलांचल से ही आते हैं, बताते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिथिलांचल की तमाम सीटें हासिल हुई थीं. विधानसभा चुनाव में भी दरभंगा के 12 में से 10 सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी. वहीं, मधुबनी में भी 10 में से 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जबकि, समस्तीपुर में भी एनडीए को अच्छी सफलता मिली थी. जाहिर है एनडीए के लिए मिथिलांचल बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.

मिथिलांचल एनडीए का गढ़

बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि ऐसे तो बिहार के तमाम जिलों में एनडीए बेहद मजबूत है, लेकिन मिथिलांचल शुरू से ही एनडीए का मजबूत किला रहा है और अपने किले को और मजबूत बनाने की कोशिश है, इसमें क्या गलत है. दरअसल मिथिलांचल एनडीए का गढ़ रहा है. चाहे विधानसभा हो या लोकसभा एनडीए को जबरदस्त सफलता मिलती रही है. एनडीए जब एक साथ (जदयू-भाजपा) रहता है क्लीन स्वीप करता रहा है. राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार इसकी एक और वजह भी बताते हुए कहते हैं कि मिथिलांचल के बहाने एनडीए कोसी से लेकर सीमांचल तक मैसेज देना चाहता है, क्योंकि ये वो इलाका है जहां से ध्रुवीकरण की संभावना सबसे ज्यादा होती है. ये फैसला भी उसी कड़ी का हिस्सा माना जा सकता है.

महागठबंधन का कोसी दांव

बात केवल एनडीए की नहीं हो रही है, बल्कि आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि कोसी इलाके से आने वाले मनोज झा को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है तो उनकी काबिलियत पर, कोई समीकरण साधने के लिए नहीं. महागठबंधन भी इस इलाके का महत्व बेहतर ढंग से जानता है. महागठबंधन के नेता एनडीए पर आरोप लगाते हैं कि एनडीए अपनी जड़ को इस इलाके से हिलते देख रहा है इसी वजह से ऐसा फैसला किया है, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं होगा.

लोकसभा चुनाव का समीकरण

बहरहाल, लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा होने में अब अधिर देर नहीं है.माना जा रहा है कि फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत तक इसकी घोषणा हो सकती है. ऐसे में सियासी समीकरण साधने की कवायद भी तेज होती जाएगी. लेकिन, मिथिलांचल साधने की कवायद में किसे फायदा मिलता है और किसे नुकसान, इसका फैसला तो लोकसभ चुनाव परिणाम के बाद ही होगा.

Tags: Bihar BJP, Bihar NDA, Bihar politics, JDU news, Loksabha Elections, Rajya Sabha Elections

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