राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय और लीची अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक दे रहे प्रशिक्षण

ऋतु राज/मुजफ्फरपुर. अनुसूचित जाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का लाभ उठाकर यह महिलाएं आर्थिक रूप से सबल हो रही हैं. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने बागवानी योजना शुरू की है. इस योजना के तहत लीची अनुसंधान केंद्र मुसहरी, मुजफ्फरपुर के द्वारा इन महिलाओं को लीची की बागवानी और उसके प्रसंस्करण का प्रशिक्षण देकर पौधे भी दिए जाएंगे.इसके माध्यम से वे महिलाएं नए कौशल और ज्ञान को सीखकर रोजगार के साथ-साथ बागवान भी बन सकती हैं.

तीन दर्जन महिलाएं हो रहीं ट्रेंड
राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा और लीची अनुसंधान केंद्र के द्वारा संयुक्त रूप से लीची से जुड़े उत्पादों को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही जिन अनुसूचित जाति की महिलाओं के पास दो से चार डिसमिल तक जमीन होगी, उसे लीची अनुसंधान केंद्र से शाही लीची का पौधा भी दिया जाएगा. साथ ही उन पौधों की देखभाल की जानकारी दी जाएगी. बताया गया कि अनुसूचित जाति से आने वाली तीन दर्जन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा कि कृषि वैज्ञानिकडॉ. इशिता विश्वास ने बताया कि यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार चला रही है.

लीची की बागवानी करेगी महिलाएं
लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि अनुसंधान केंद्र में अनुसूचित जातिसब प्लान के तहत एक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इसके तहत अनुसूचित जाति की महिलाओं को बागवानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि, अन्य क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र में भी वह कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके.

वे बताते हैं कि हमलोग लीची अनुसंधान केंद्र से हैं, तो यहां इस समाज की महिलाओं को लीची के पेड़-पौधों की देखभाल करने समेत खाद, पानी, कटाई, छंटाई आदि की जानकारी देते हैं. इसके अलावा जो महिलाएं खुद का बाग नहीं लगा पाएगी, उन्हें समूह में लीची प्रसंस्करण के बारे में भी ट्रेनिंग दी जा रही है.

Tags: Bihar News, Local18, Muzaffarpur news

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