राजा जनक और प्रभु श्री राम से जुड़ा है इस शिव मंदिर का इतिहास, जानें मान्यता

भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी. बिहार का सीतामढ़ी माता जानकी की जन्मस्थली है. यहां कई पौणानिक मान्यताओं वाला स्थल आज भी मौजूद है. सीतामढ़ी के अमाना गांव में एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां स्वयंभू शिवलिंग मौजूद है. यहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की इस शिव मंदिर से आपार आस्था जुड़ी है. लोगों का मानना है कि अगर नि:संतान दंपित सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं तो उन पर शिव की कृपा बरसती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसलिए यहां प्रत्येक रविवार और सोमवार को नव विवाहित जोड़े आते हैं. अपनी मनोकामना से स्वयंभू शिवलिंग रूपी भगवान शिव को अवगत कराते हैं. इस शिव मंदिर को सुकेश्वर नाथ महादेव के नाम से जाना जाता है. जबकि बोलचाल में इसे अमनेश्वर नाथ महादेव भी लोग कहते हैं.

मंदिर कमिटि के सदस्य विनोद निराला ने बताया कि यह शिवलिंग काफी ऐतिहासिक है.यह राजा जनक के समय का ही शिवलिंग है. उन्होंने बताया कि जब प्रभु श्री राम गुरू वशिष्ठ मुनि के साथ धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए जनकपुर जा रहे थे, तब यहां उन्होंने पूजा-अर्चना की थी. उन्होंने बताया कि यह किसी को ज्ञात नहीं है कि शिवलिंग की स्थापना किसने की, क्योंकि राजा जनक के समय से पहले का यह शिवलिंग माना जाता है. जबकि कुछ लोग इसे राजा जनक द्वारा स्थापित शिवलिंग भी मानते हैं, क्योंकि सर्वप्रथम इस मंदिर का निर्माण राजा जनक ने ही कराया था. बाद में अलग-अलग लोगों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया.

मंदिर का जीर्णोद्धार 
दरभंगा महराज भी इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवा चुके हैं. आखरी बार इस मंदिर का जीर्णोद्धार 1339 में हुआ था. विनोद निराला ने बताया कि कहानी चाहे जो भी हो, परंतु लोगों की आस्था बाबा अमनेश्वर नाथ महादेव के प्रति बहुत अधिक है. इस मंदिर से इलाके के 50 से अधिक गांव के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर मनोकामना जरूर पूर्ण होती है.

संतान सुख प्राप्त होने पर भक्त ने हनुमान जी का बनवाया 55 फीट उंची प्रतिमा
मंदिर कमिटि के सदस्य विनोद निराला ने बताया कि यहां ज्यादातर भक्त संतान प्राप्ति के लिए आते हैं. उन्होंने बताया की इलाके के रहने वाले विजय शाही जो नि:संतान थे, प्रतिदिन वे संतान प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करने आते थे और एक दिन उनकी मनोकामना पुर्ण हुई. इस खुशी में उन्होंने भव्य यज्ञ का आयोजन किया और मंदिर प्रांगण में उन्होंने 55 फीट की हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करवाया. लोगों की आस्था इतनी प्रबल है की चुनाव लड़ने से लेकर संतान प्राप्ति तक के लिए लोग गुहार लगाने आते हैं.

Tags: Hindu Temple, Local18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *