रमेश कुमार ने बीकानेर में काम करने के दौरान हेरोइन का इंजेक्शन लेना शुरू कर दिया था और पांच साल तक वह हेरोइन के नशे की गिरफ्त में रहा। इसके बाद उसने नशा छोड़ने का फैसला किया।
हालांकि शुरुआत में नशा नहीं करने पर वह बेहद परेशान हो जाता था और कभी-कभी तो उसे गंभीर अवसाद का सामना करना पड़ता था।हेरोइन की भयावह लत से जूझने के बाद कुमार अब सही जीवन जीने की कोशिश कर रहा है।
गंगानगर में, कुमार जैसे कई लोग हैं, जो सीमा पार से जिले में लाए जा रहे मादक पदार्थों का शिकार होने के बाद अब ठीक होने की उम्मीद में नशा मुक्ति केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित गंगानगर जिले के स्थानीय लोग मादक पदार्थों की समस्या के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
पुनर्वास केंद्र में इलाज करा रहे कुमार ने सरकार से जिले में मादक पदार्थों के इस्तेमाल को खत्म करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का आग्रह किया।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, मुझे हेरोइन की लत थी। मैं बीकानेर में नौकरी करता था और मेरे दोस्तों ने मुझे वहां इसका इस्तेमाल करने के लिए कहा। शुरू में, मैंने कभी-कभी इसका इस्तेमाल किया, लेकिन बाद में मुझे इसकी लत लग गई। मैं खुदको रोक नहीं पाता था और जब रोकती था तो मुझे सिरदर्द, पेट दर्द, मतली होने लगती थी। काम पर जाने या कुछ और करने की कोई इच्छा नहीं होती थी और अंततः मैंने नौकरी छोड़ दी।”
कुमार ने कहा, जिस तरह यहां के डॉक्टर इस क्षेत्र में मादक पदार्थों के मुद्दों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता शिविर लगाते हैं, उसी तरह सरकार को भी इसमें योगदान देना चाहिए।
सिंधु (26) ने हाल ही में अपने पति को पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया था।
जिले में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों का उपयोग अब उन्हें आश्चर्यचकित नहीं करता।
सिंधु ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, इस क्षेत्र में मादक पदार्थों की समस्या बहुत बड़ी है। बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, मैंने हर किसी को इसका आदी होते देखा है। हम चाहते हैं कि सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान करे। यह परिवारों को तोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि हर चुनाव में नेता क्षेत्र में मादक पदार्थों के इस्तेमाल को खत्म करने के वादे के साथ घर-घर जाते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस पर कभी ध्यान नहीं देते।
उन्होंने कहा, चुनाव होने के बाद, वे हमारे बारे में भूल जाते हैं। नशे के मामले केवल बढ़ रहे हैं, और कुछ नहीं।
एक ओर गंगानगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अंकुर मंगलानी ने इस मामले पर बात करने से इनकार कर दिया, तो वहीं भाजपा उम्मीदवार ने इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने का वादा किया है।
गंगानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जयदीप बिहानी ने कहा कि अगर वह चुनाव जीते, तो गंगानगर में मादक पदार्थों का इस्तेमाल खत्म करने के लिए काम करेंगे।
बिहानी ने कहा, मैं इस चुनाव में गंगानगर में मादक पदार्थों का इस्तेमाल खत्म करने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। यह नशे के आदी लोगों का जिला बन गया है। अगर मैं चुनाव जीता तो मेरी प्राथमिकता गंगानगर में मादक पदार्थों के इस्तेमाल को खत्म करना होगी। नशे की लत ने युवाओं और उनके भविष्य को बर्बाद कर दिया है।”
गंगानगर जिले के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा कि पुलिस इस मुद्दे पर सीमा सुरक्षा बल और पंजाब के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
शर्मा ने कहा, हम यह पता लगाने के लिए छापे मारते हैं कि दवा की दुकानों पर किस तरह की दवाएं बेची जा रही हैं।
सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए, हम सीमा सुरक्षा बल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और पंजाब के अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहे हैं।
डीएसपी के अनुसार, यहां पुलिस को एक महीने में सीमा पार तस्करी के एक या दो मामले मिलते थे, लेकिन चुनाव से पहले उठाए गए सख्त कदमों के कारण यह संख्या कम हो गई है।
शर्मा ने कहा, हम ऑपरेशन सीमा चला रहे हैं जिसके तहत हम लोगों को इस मुद्दे के बारे में जागरुक करते हैं।
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