ऑनिंद्य बनर्जी
नई दिल्ली. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अशोक गहलोत को सत्ता से बेदखल करने के साथ ही अब मुख्यमंत्री चुनने पर मंथन कर रही है. राजस्थान के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से बीजेपी के 7 मौजूदा सांसदों के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर जारी है. इनमें से 4 सांसदों ने जीत दर्ज की, जबकि 3 अन्य हार गए.
बीजेपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व ने फैसला किया है कि चार विजयी उम्मीदवार – राजसमंद से सांसद दीया कुमारी, जो इस बार विद्याधर नगर से जीती हैं; जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़, जिन्होंने मुश्किल माने जा रही झोटवाड़ा सीट से चुनाव जीता, अलवर सांसद बाबा बालकनाथ को, जिन्होंने तिजारा में 38% मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद बड़ी जीत हासिल की, वहीं सवाई माधोपुर से जीतने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीना, संसद की सदस्यता से इस्तीफा देंगे.
सीएम पद की रेस में शामिल 3 नाम
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी चाहती है कि ये सांसद राज्य की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करें. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान के मन में उनके लिए ‘बड़ी भूमिकाएं’ हैं. इन 4 विजेता सांसदों में से 3 को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माना जा रहा है.
हालांकि बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है कि वसुंधरा राजे सिंधिया को ‘कुछ समय के लिए’ सीएम पद पर वापस बैठने दिया जा सकता है, वहीं अन्य दावेदारों को फिलहाल के लिए मंत्री पद या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जैसे सरकारी निकायों में अध्यक्ष का पद मिलने की संभावना है, जिसका लोगों पर सीधा प्रभाव पड़ता है. अगर राजे अंतत: शीर्ष पद पर आसीन होती हैं तो उनका लक्ष्य प्रशासन में अधिक से अधिक स्वतंत्र उम्मीदवारों को शामिल करना होगा.
हारने वाले सांसदों को अब नहीं मिलेगा लोकसभा का टिकट
हालांकि चार विजेता सांसदों के अलावा यहां बारे में नहीं है जो जीते, बल्कि उन तीन सांसदों को लेकर भी चर्चा का दौर जारी है, जो विधानसभा चुनाव हार गए हैं.
झुंझुनू से सांसद नरेंद्र कुमार मंडावा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रीता चौधरी से 18,717 वोटों के अंतर से हार गए. जालोर सांसद देवजी पटेल सांचौर में भाजपा के बागी जीवा राम चौधरी से बुरी तरह हार गए. वह दूसरे स्थान पर भी नहीं आए. कांग्रेस उम्मीदवार और मंत्री सुखराम बिश्नोई ने दूसरा स्थान हासिल किया, जिससे बीजेपी सांसद पिछड़ गए.
बीजेपी सांसदों में सबसे ज्यादा नुकसान अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को हुआ. उन्होंने किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में तीसरा स्थान हासिल किया. उस सीट पर कांग्रेस के विकास चौधरी ने जीत हासिल की. बीजेपी सूत्रों की मानें तो इन सांसदों का चुनावी भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है, क्योंकि बीजेपी तीनों को लोकसभा टिकट देने को तैयार नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी मानती है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़े जाते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि 2024 में पार्टी का सबसे बड़ा विक्रय बिंदु होगी. सूत्रों का कहना है कि पार्टी द्वारा उन लोगों पर दांव लगाने की संभावना नहीं है, जो दूसरा स्थान भी हासिल नहीं कर सकते.
बता दें कि 3 दिसंबर को, 199 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में बीजेपी ने 115 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस केवल 69 निर्वाचन क्षेत्रों तक सिमट कर रह गई.
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Tags: BJP, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 5, 2023, 14:57 IST