राजस्‍थान में 33 साल बाद ब्राह्मण CM, भाजपा ने खेला सोशल इंजीनियरिंग कार्ड

जयपुर. राजस्थान के मनोनीत मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कहा कि वह राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सभी भाजपा नेताओं के साथ मिलकर काम करेंगे. शर्मा ने कहा, “हम सबके सहयोग से राज्य का विकास करेंगे.” भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे को राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक बनाया था और तीनों नेता मंगलवार की दोपहर जयपुर पहुंचे और विधायकों के साथ बैठक की.

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी वसुंधरा राजे से अकेले में मुलाकात की और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर बात की. सूत्रों के मुताबिक, बैठक से पहले ही राजनाथ सिंह ने वसुंधरा को नए मुख्यमंत्री का नाम प्रस्तावित करने के लिए मना लिया. शर्मा के नाम की घोषणा के बाद भाजपा नेता राजस्थान में सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन पहुंचे.

भाजपा ने राजस्थान में एक ब्राह्मण मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री एक राजपूत – दीया कुमारी और एक दलित – प्रेमचंद बैरवा को चुनकर सोशल इंजीनियरिंग कार्ड खेला है. पार्टी ने ऐसा करके सामान्य वर्ग के लोगों को भी बड़ा संदेश दिया है. राजस्थान में 33 साल बाद किसी ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है. इससे पहले कांग्रेस के हरिदेव जोशी तीन बार राजस्थान के सीएम रहे थे. जोशी 1973 से 1977, फिर 1985 से 1988 और 1989 से 1990 तक सीएम रहे.

भाजपा ने जयपुर के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाकर राजपूतों को लुभाने की भी कोशिश की है. उन्होंने जयपुर के विद्याधर नगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 75,000 से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की.

इसके अलावा, दलित वर्ग को लुभाने के लिए दूदू से प्रेमचंद बैरवा को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है. पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी कार्डर्स ने राज्य में सोशल इंजीनियरिंग समीकरणों को संतुलित करने के लिए कड़ी मेहनत की है और लोकसभा चुनावों का इंतजार कर रहे हैं.

Tags: Bhajan Lal Sharma, BJP, Diya Kumari

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