पूर्व सांसद एवं बागीदौरा सीट से लगातार चार बार के विधायक मालवीया जयपुर में भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे जहां पार्टी के राजस्थान मामलों के प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी और अन्य नेताओं ने उनका पार्टी में स्वागत किया. इस अवसर पर मालवीया ने कहा कि वह वागड़ क्षेत्र के विकास के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं. दक्षिण राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके को वागड़ कहा जाता है जिसमें बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले शामिल हैं.
मालवीया ने कहा,‘‘ हिंदुस्तान क्या था और आज वह क्या बन गया. यह काम कोई कर सकता है तो भाजपा की नीतियां एवं प्रधानमंत्री मोदी ही कर सकते हैं.” उन्होंने कहा,‘‘ मैंने देखा कि अगर मुझे अपने इलाके का विकास करना है तो भाजपा के अलावा और कोई आदिवासी अंचल में काम करने वाला नहीं है.” मालवीया ने कहा कि वह कल दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे और पार्टी की राष्ट्रीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन से प्रभावित हुए थे.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया तो बहुत लोगों को ठेस लगी. इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘ पूरी निष्ठा के साथ मैं भाजपा पार्टी में शामिल हो रहा हूं.”उन्होंने यह भी कहा कि छात्र राजनीति में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे. उन्होंने पिछले साल नवंबर में मानगढ़ धाम का दौरा करने और गुमनाम आदिवासी नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा की. मालवीया ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की भी मांग उठाई.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की नीति से प्रभावित होकर मालवीया भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं. बाद में पत्रकारों से बातचीत में मालवीया ने कहा कि विकास के मुद्दे पर भाजपा में शामिल हुए हैं. क्या उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कोई आश्वासन दिया गया है, यह पूछे जाने पर मालवीया ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि वह अब कांग्रेस के विधायक नहीं रहेंगे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मालवीय बिना शर्त पार्टी में शामिल हुए हैं.
बाद में मालवीया ने विधानसभा सचिवालय में अपना इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया. विधानसभा के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मालवीया के भाजपा में जाने से कोई असर नहीं होगा. उन्होंने मीडिया से कहा,‘‘ मैं समझता हूं कि ऐसे आचरण के व्यक्ति के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा, पार्टी और मजबूत होगी. नया नेतृत्व तैयार होगा और कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतेगी.” डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि गत दो विधानसभा चुनावों में ‘ मालवीया का आचरण संदिग्ध रहा और उनके खिलाफ पार्टी के बाकी उम्मीदवारों को हरवाने के लिए काम करने की शिकायतें मिली थीं.’
कांग्रेस नेता ने कहा,‘‘ मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मालवीया का जनाधार वहां खत्म हो चुका है. आने वाले समय में वह न सांसद, न विधायक और न ही जिला प्रमुख बन पाएंगे.” मालवीया पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,‘‘ वह बार बार कांग्रेस को नुकसान करने काम कर रहे थे फिर भी पार्टी ने उनको माफ कर सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनाया. तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस मेरी मां है और कांग्रेस पार्टी के साथ कभी गद्दारी नहीं करूंगा. लेकिन मैं समझता हूं कि अपने अस्तित्व को बचाने की कुचेष्टा में वह आज भाजपा में शामिल हुए हैं.” राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी राम मंदिर का विरोध नहीं किया. कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं कहा कि कोई व्यक्ति अयोध्या में राम मंदिर में नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद राम मंदिर बना है. मालवीया दिसंबर 2008 से लेकर अब तक लगातार चौथी बार कांग्रेस के विधायक हैं. वह अशोक गहलोत की अगुवाई वाली दो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों में अलग अलग कार्यकाल के लिए मंत्री रहे. वह साल 1998 में बांसवाड़ा से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गये थे. राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में से इस समय सत्तारूढ़ भाजपा के पास 115 और कांग्रेस के पास 70 सीट हैं. हालांकि मालवीया का इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के बाद एक सीट (बागीदौरा) खाली हो जाएगी.
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