राजस्थान के बाद, अब छत्तीसगढ़ में मतदान आगे बढ़ाने की मांग, बड़ी संख्या में लोग नहीं डाल पाएंगे वोट, जानें मामला

अनूप पासवान/कोरबा. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 7 और 17 नवंबर को मतदान की घोषणा की है. 7 नवंबर को प्रदेश की 20 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा. वहीं, 17 नवंबर को शेष 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसमें 7 नवंबर को लेकर तो कोई आपत्ति नहीं है लेकिन 17 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर पूर्वाचलवासियों की प्रतिक्रिया सामने आई हैं और उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है.

सर्वसमाज पूर्वांचल विकास समिति और राजपूत क्षत्रिय समाज के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा कि दीपावली पर्व के 6वें दिन से पूर्वांचलवासियों का महापर्व छठ पूजा का शुभारंभ हो जाता है. इस लिहाज से ठीक मतदान के दिन यानी 17 नवंबर से इस वर्ष छठ पूजा शुरु होगी. यदि मतदान की तारीख में परिवर्तन नहीं होता है, तो बड़ी संख्या में पूर्वाचल के लोग मतदान जैसे महापर्व से वंचित रहेंगे. इसलिए चुनाव आयोग से आग्रह किया गया है कि जिस तरह से राजस्थान में, त्योहारों के मद्देनजर चुनाव तारीख में परिवर्तिन किया गया है उसी तर्ज पर छत्तीगढ़ में भी दूसरे चरण के मतदान की तारीख बदल दी जाए.

मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग
राजपूत क्षत्रिय समाज के कोषाध्यक्ष बच्चू सिंह ने भी इस विषय में कहा कि छठ पर्व न केवल पर्व है बल्कि महापर्व है. 17 नवंबर से शुरू हो रहे हैं इस व्रत को बड़े ही शुद्धता और नियमों से किया जाता है. मतदान वाले दिन नहाए खाए से इस पर्व की शुरुआत होगी. नहाए खाने वाले दिन व्रत करने वाले लोग पूरे दिन बिना सिली हुई साड़ी धारण करते हैं और उपवास करते हैं. शाम के वक्त लौकी की सब्जी खाकर व्रत की शुरुआत करते हैं. ऐसे में व्रती महिलाएं वोट डालने घर से बाहर नहीं निकल सकती. इस लिहाज से बहुत वोट प्रभावित होंगे जिसको देखते हुए मांग की जा रही है कि निर्वाचन आयोग मतदान की तारीख को आगे बढ़ाएं.

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FIRST PUBLISHED : October 17, 2023, 16:28 IST

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