
नई दिल्ली/टोरांटो:
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के खालिस्तानी मुद्दे पर लगाए गए आरोप के बाद से भारत के साथ तल्खी बढ़ गई है. कनाडा ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के कनेक्शन के आरोप लगाए, वहीं भारत ने कनाडा के बयान को बेतुका करार देते हुए कनाडाई दूत को 5 दिन में देश से जाने के लिए कह दिया है. इस सियासी गतिरोध के बीच ट्रूडो पर राजनीतिक सहूलियत का फायदा उठाने के आरोप भी लग रहे हैं. पूरे मामले पर NDTV ने कनाडा के रिचमंड सिटी के काउंसलर कैश हीड (Kash Heed) से एक्सक्लूविस बातचीत की. उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो राजनीतिक संकट में हैं. इसलिए ऐसा कर रहे हैं.
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कनाडा के पूर्व सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री कैश हीड (Kash Heed) ने कहा कि भारत को लेकर दिया गया जस्टिन ट्रूडो का बयान कनाडा में आंतरिक राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है. ब्रिटिश कोलंबिया के पूर्व सॉलिसिटर जनरल कैश हीड ने कहा, “मैं यह भी जानना चाहता हूं कि कनाडा ने खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ क्या किया है.”
कनाडा के नेताओं के लिए खालिस्तान का समर्थन मजबूरी बनता जा रहा है. 2025 में कनाडा में होने वाले चुनावों के लिए कनाडाई प्रधानमंत्री और राजनीतिक पार्टियों को खालिस्तानियों का समर्थन करना पड़ रहा है. कनाडा का खुफिया विभाग 2021 तक खालिस्तानी गतिविधियों पर लगातार नजर रखता था. हालात तब बदले जब सितंबर 2021 में हुए चुनाव में ट्रूडो की पार्टी को बहुमत नहीं मिला. सरकार बनाने के लिए उन्हें जगमीत सिंह की अगुआई वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन लेना पड़ा. सिंह को कनाडा में प्रो-खालिस्तानी नेता माना जाता है.
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