Indian Mysterious Yogi Sree Siva Prabhakara Siddha: आज के दौर में हम जहां लोगों के 100, 110 साल तक जीवित रहने पर आश्चर्य जताते हैं, लेकिन भारत में कई ऐसे महान लोग हुए है जो कई सदियों तक जिंदा रहे. भारत के एक ऐसे ही महायोगी के सैकड़ों सालों तक जीवित होने का दावा किया जाता है. जानकारी के मुताबिक, यह लगभग 729 साल तक जीवित रहे. इनका नाम स्वामी शिव प्रभाकर है. दक्षिण भारत में इस महान योगी के बारे में कई कहानियां मशहूर हैं. कहा जाता है कि इन्होंने मौत पर नियंत्रण पा लिया था.
सिद्ध स्वामी ब्रह्मानंद प्रभाकर को दक्षिण भारत के महान 18 सिद्ध योगियों में वर्णित किया जाता है. इन्होंने न केवल मृत्यू पर काबू पा लिया था, बल्कि ये अपनी इच्छा के अनुसार बढ़ाने की शक्ति पा ली थी. इसके अलावा इन्हें एक शरीर को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने का तरीका भी आता था. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपने जीवन काल के दौरान कुल 17 शरीर का धारण किया था. परकाया प्रवेश (अपनी इच्छानुसार बाहर निकलने और दूसरे शरीर में प्रवेश करने की शक्ति) का वरदान उन्हें अपने गुरु से मिला था. कई मौकों पर लोगों ने उन्हें उड़ते हुए भी देखा है, हालांकि इन सभी दावों की सत्यता की News18 पुष्टि नहीं करता है, यह लेख इंटरनेट पर मौजूद जानकारी पर आधारित है.
1263 में हुआ था जन्म, कई अखबारों में छप चुकी है खबर
बताया जाता है कि इस महान योगी की चेतना काफी बलवान थी. वह किसी इंसान को देखते ही उसका भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में बता देते थे. उनके बारे में एक यह भी बात काफी प्रचलित थी कि वे किसी को देखते ही उसके मन को पढ़ लेते थे. इनके बारे में केरल के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों- “मातृभूमि मनोरमा” और “मलाला” में भी खबर छप चुकी है. ऐसी मान्यता है कि शिव प्रभाकर योगी का जन्म 1263 में अकावूर में हुआ था और साल 1986 में इनकी मौत हो गई थी.
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उनके बारे में एक और किवदंती काफी मशहूर है-
1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, मछुआरे केरल के एर्नाकुलम के समुद्री जल में मछली के जाल में उनका शरीर फंस गया था जो लेकिन इंसानी शरीर के रूप में पहचान करना काफी मुश्किल था. उनके शरीर का निचला हिस्सा लुंगी और देशी तौलिए से ढंका हुआ था. सिर पर बाल ऊंचे करके बांधे हुए थे जो कि शिव लिंग की तरह लग रहे थे. (जटा) माथे के ऊपरी हिस्से में बाल, शिवलिंग की तरह बने हुए थे. लोगों ने पुलिस को सौंप दिया.

पुलिस को लगा यह एक जापानी जासूस है, उसे केरल के एर्नाकुलम के मट्टनचेरी पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया. पुलिस ने उनसे पूछा क्या वह केरल में किसी को जानता है? उन्होंने त्रावणकोर के दीवान सीपी रामास्वामी अय्यर का नाम लिया. अधिकारियों ने तुरंत श्री से संपर्क किया, दीवान ने उन्हें पहचान लिया और तुरंत त्रिवेन्द्रम ले जाने की व्यवस्था की और उनसे क्षमा मांगी. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने लगभग 50 वर्षों तक समुद्र के नीचे गहरी समाधि ली थी.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2023, 05:01 IST